यूपी : चर्चाएं भाजपा में बड़े परिवर्तन की थी,उठापटक विपक्ष में हो रही

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द लीडर हिंदी,लखनऊ। प्रदेश में अगले साल चुनाव होने जिसका असर अभी से देखा जा रहा है ।पहले सत्ताधारी दल भाजपा में परिवर्तन की बहुत सी चर्चाएं हुई कुछ ने तो  मुख्यमंत्री तक को बदलने की बात कह डाली। लेकिन मौजूदा दौर में अभी तक भाजपा में कुछ भी परिवर्तित नहीं हुआ लेकिन विपक्ष के दलों में काफी हलचल देखी जा रही है।

बहुजन समाज पार्टी ने अपने शीर्ष के दो नेता लालजी वर्मा और राम अचल राजभर को पार्टी से निष्कासित कर दिया तो कांग्रेस में भी हलचल देखने को मिली जहां जितिन प्रसाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में पहुंच गए । पार्टी के अंदर ऐसी चर्चाएं चल रही है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भी बदल सकते हैं,वंही समाजवादी पार्टी के भी एक प्रवक्ता सपा छोड़ कर कांग्रेस में पहुंच गए।
2007 से 12 तक पूर्ण बहुमत वाली बसपा के पास व्यवहारिक रूप से अब मात्र सात विधायक बचे हैं। 2017 के चुनाव में बसपा को 19 सीटें मिली थी।उपचुनाव में हारने के बाद 18 सीटें बची है लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती ने 11 विधायकों को या तो निलंबित कर दिया है या पार्टी से निष्कासित कर रखा है। इस वजह से पार्टी के पास सिर्फ सात ही विधायक है जिसमें से एक विधायक को छोड़कर सभी पूर्वांचल से ही आते हैं।
ऐसे में क्या संभावना है बन नहीं है इन पर भी बात कर लेते हैं एक तो जिसकी सबसे प्रबल संभावना है कि बसपा के निष्कासित विधायक समाजवादी पार्टी में जा सकते हैं ।अगर जानकारों की माने तो बसपा के 5 विधायकों ने सपा मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात भी की है । टिकट के आश्वासन के बाद यह लोग सपा जॉइन कर सकते। वहीं दूसरी तरफ ऐसी खबरें भी आ रही हैं की बसपा से निष्कासित विधायक मिलकर एक नया दल बनाने की तैयारी कर रहे हैं । पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर लगातार इन बातों का खंडन कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें बहन जी के बुलावे का इंतजार है।
उत्तर प्रदेश में बसपा के जनाधार से सभी परिचित हैं 2014 में प्रचण्ड मोदी लहर के बावजूद बसपा अपना करीब 20 फ़ीसदी वोट बचाने में कामयाब रही थी। यह बात लगभग तय है की बसपा उत्तर प्रदेश में कोई भी कम नहीं आंक सकता लेकिन वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश विधानसभा में बसपा की स्थिति अपना दल से भी कमजोर हो गई है। अपना दल के पास 9 विधायक हैं लेकिन बसपा के पास मौजूदा समय में सिर्फ 7 विधायक हैं ।कांग्रेस के विधायकों की भी संख्या भी 7 लेकिन कांग्रेस में भी 2 बागी हो गए हैं।
राज्यसभा चुनाव के दौरान बसपा में बड़ी फूट देखने को मिली थी। जब बसपा के सात विधायक अखिलेश यादव से मिलने पहुंच गए थे जिसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने सभी विधायकों को निलंबित कर दिया था। पार्टी के संस्थापक सदस्यों को भी बसपा सुप्रीमो ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है ।अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा की बसपा का अगला कदम क्या होगा। राजनीतिक जानकार ये मानते हैं की सत्ताधारी भाजपा भी चाहेगी कि बसपा थोड़ा बहुत मजबूत जरूर रहे वरना अगर बसपा ज्यादा कमजोर नजर आएगी तो वोट बटने की संभावना कम होंगी। ऐसा देखने को मिल रहा है जिन राज्यों में विपक्ष में वोट नहीं बट रहा वहां पर भाजपा की हार हो रही है।

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