द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। व्हाट्सएप को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका लगा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने फेसबुक और व्हाट्सएप की एक नई याचिका को खारिज कर दिया है. जिसमें भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (कंपटीशन कमीशन- CCI) द्वारा जारी नोटिस पर रोक लगाने की मांग की गई है.
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व्हाट्सएप को डॉक्यूमेंट जमा करने के लिए कहा
नोटिस में व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी पर की जा रही जांच के संबंध में कुछ डॉक्यूमेंट जमा करने के लिए कहा गया है. जस्टिस अनूप जयराम भंभानी और जसमीत सिंह की अवकाश पीठ ने कहा कि, जांच में आगे के कदमों पर रोक लगाने के लिए समान आवेदन व्हाट्सएप और फेसबुक से प्राथमिक मामले की सुनवाई कर रही नियमित पीठ के समक्ष पहले ही दायर किया गया था.
पिछली सुनवाई में भी कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी थी
व्हाट्सएप और उसके मालिक फेसबुक को 6 मई को सुनवाई की पिछली तारीख पर हाई कोर्ट की नियमित पीठ द्वारा कोई अंतरिम राहत नहीं दी गई थी. पीठ ने कहा कि, पिछले कारण से, हम इस स्तर पर 4 जून, 2021 के आक्षेपित नोटिस के संचालन पर रोक लगाना उचित नहीं समझते हैं.
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हालांकि, हाई कोर्ट ने कहा कि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि, सीसीआई के महानिदेशक द्वारा 4 जून का नोटिस जारी करना आदेश के अनुसार शुरू की गई जांच को आगे बढ़ाने का एक कदम था.
रिपोर्ट तैयार करने में लगेगा समय
सीसीआई का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने कहा था कि, नोटिस के माध्यम से मांगी गई जानकारी की प्राप्ति के अनुसार रिपोर्ट तैयार करने में पर्याप्त समय लगेगा. लेखी ने कहा कि, कम से कम 9 जुलाई को नियमित बेंच के समक्ष सुनवाई की अगली तारीख से पहले रिपोर्ट पूरी नहीं की जाएगी.
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सीसीआई के 24 मार्च के निर्देश को दी गई थी चुनौती
बता दें कि, फेसबुक और व्हाट्सएप का ताजा आवेदन उनके द्वारा दायर एक लंबित मामले में किया गया था, जिसमें सीसीआई के 24 मार्च के निर्देश को चुनौती दी गई थी, जिसमें व्हाट्सएप की विवादास्पद नई प्राइवेसी पॉलिसी की जांच का आदेश दिया गया था.
अदालत से हस्तक्षेप करने की मांग की थी
फेसबुक और व्हाट्सएप ने सीसीआई के 4 जून के नोटिस पर रोक लगाने के लिए अदालत से हस्तक्षेप करने की मांग की, जिसमें उन्होंने जांच के उद्देश्य से कुछ जानकारी देने को कहा था.
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व्हाट्सएप ने कहा था कि, उसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी 15 मई से लागू हो गई है. उसने यह भी स्पष्ट किया कि, वह उन यूजर्स के अकाउंट को डिलीट करना शुरू नहीं करेगा जिन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया था और उन्हें बोर्ड पर आने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करेंगे.
इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी से निपट रहा
दूसरी ओर, CCI ने कहा था कि, वह इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी से निपट रहा है, जिससे उपभोक्ताओं का अधिक डेटा कलेक्शन, प्रतिस्पर्धा-विरोधी संदर्भ में डेटा का उपयोग और साझाकरण हो सकता है.
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