गिरफ्तारी से चर्चाओं में आए दरगाह हाफिज साहब के सज्जादानशीन का इंतकाल, जुमे को होंगे सुपुर्द-ए-खाक

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द लीडर. किसान आंदोलन का समर्थन करने और फिर जेल जाने के बाद चर्चा में आए शाह फरहत अहमद जमाली का इंतकाल हो गया. वह रामपुर की प्रसिद्ध दरगाह हाफिज शाह जमाल उल्लाह के सज्जादा नशीन थे. दिल में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल ले जाया गया था.

 

जहां उन्होंने गुरुवार को शाम अंतिम सांस ली. गुरुवार को दोपहर ब्रेन हेमरेज के बाद उन्हें मुरादाबाद में इलाज के लिए ले जाया गया था. गाड़ी तक वह स्वयं चलकर गए. अस्पताल में इलाज के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई.

पुलिस ने उन्हें पिछले दिनों रामपुर में ही उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी सीएए और एनआरसी को लेकर हुए बवाल से संबंधित मुकदमे में दिखाई गई लेकिन उन पर शिकंजा किसान आंदोलन के समर्थन को लेकर कसा गया था.

उनकी गिरफ्तारी से एक दिन पहले ऑल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष नबीरे आला हजरत मौलाना तौकीर रजा खां भी उनके समर्थन में रामपुर पहुंचे थे.

वहां उन्होंने प्रेस कांफ्रेस करके पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी थी कि अगर फरहत मियां को गिरफ्तार किया गया तो इसके अंजाम अच्छे नहीं होंगे.

बाद में मौलाना ने इसे लेकर बरेली में नाराजगी भी जताई थी. तब एसएसपी ने दरगाह आला हजरत स्थित आवास पहुंचकर मौलाना को शांत कराया था. फरहत मियां के इंतकाल की इत्तिला से उनके चाहने वालों में गम का माहौल है. जनाजा मुरादाबाद से रामपुर पहुंच गया है. उससे घर पर मुरीदों की भारी भीड़ जुट गई है.

प्रमुख दरगाहों के जिम्मेदारान और दीनी हलकों से उनके इंतकाल पर अफसोस का इजहार किया गया है. मग्फिरत की दुआएं भी मांगी जा रही हैं. दरगाह के मीडिया प्रभारी ने बताया है कि फरहत मियां को दोपहर एक बजे जुमे की नमाज के बाद सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.

सीएए-एनआरसी प्रोटेस्ट में रहे थे सक्रिय

सज्जादानशीन सीएए और एनआरसी प्रोटस्ट में काफी सक्रिय रहे थे. रामपुर में आयोजित प्रोटेस्ट में उनकी बड़ी भूमिका रही थी. इसको लेकर वह पुलिस-प्रशासन के भी निशाने पर रहे थे.

 

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