आला हजरत के 103वें उर्से रजवी का सज गया मंच, जुमे काे दरगाह पर होगी रूहानी महफिल

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दरगाह आला हजरत

द लीडर : उत्तर प्रदेश के बरेली की मशहूर दरगाह आला हजरत पर, इमाम अहमद रजा खां का 103वां उर्से रजवी 2 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. दरगाह परिसर और इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान पर उर्स मनाया जाएगा. जहां टैंट लग गया है. उलमा का मंच तैयार किया जा रहा है. दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा (अहसन मियां) की सदारत में उर्स होगा. (Dargah Ala Hazrat Bareilly)

शुक्रवार (जुमा) को उर्स की पूर्व संध्या पर रूहानी महफिल के बीच आला हजरत की दरगाह पर गुस्ल और संदल पेश किया जाएगा. 2 अक्टूबर यानी शनिवार की शाम 5 बजे, इस्लामिया मैदान में परचम कुशाई की रस्म के साथ उर्स का आगाज होगा. ये परचम आजम नगर के हाजी अल्लाह बख्श के निवास से आएगा. दरगाह प्रमुख और सज्जादानशीन की मौजूदगी में उलमा उर्स की रस्म अदा करेंगे.

 

शनिवार की शाम को महफिल-ए-मिलाद होगी. रात 10:35 बजे हुज्जातुल इस्लाम का कुल होगा. और इसके बाद ऑल इंडिया तरही नातिया मुशायरे का आयोजन होगा. मुफ्ती सलीम नूरी, मुफ्ती आकिल रजवी, मुफ्ती कफील हाशमी समेत दूसरे उलमा की निगरानी में मुशायरा होगा.

3 अक्टूबर यानी रविवार की सुबह कुरानख्वानी होगी. 8 बजे महफ़िल-ए-मिलाद होगी. और 9:58 बजे रेहान-ए-मिल्लत व 10:30 बजे हज़रत जिलानी मियां के कुल की रस्म अदा की जाएगी. रविवार की रात 9 बजे देश भर के नामवर उलमा की तकरीर होंगी. रात 1:40 बजे मुफ्ती-ए-आज़म हिंद का कुल होगा.


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4 अक्टूबर यानी सोमवार को कुरानख्वानी के साथ उर्स के कार्यक्रम शुरू होंगे. इस्लामिया मैदान में देश भर की मशहूर खानकाहों के सज्जादगान और उलमा की तकरीर होंगी. दोपहर 2:38 बजे आला हज़रत का कुल होगा. और इसी के साथ उर्से रजवी का समापन हो जाएगा.

इस्लामिया इंटर कॉलेज मैदान में उर्से रजवी की तैयारी.

दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि उर्स गाइडलाइन के मुताबिक बनाया जाएगा. लाइव प्रसारण भी किया जाएगा. जो हजरात चाहेंगे वे घर से उर्स के कार्यक्रम सुन सकेंगे.

आपको बता दें कि उर्से रजवी को लेकर अभी भी असमंजस बना है. और जायरीन इस बात को लेकर आशंकित हैं कि उर्स में कितने लोगों के शामिल होने की इजाजत है. (Dargah Ala Hazrat Bareilly)

इसलिए, क्योंकि दरगाह की ओर से गाइडलाइन के मुताबिक ही उर्स मनाए जाने की बात कही जा रही है. लेकिन इसी बीच शासन ने खुले स्थानों पर होने वाले कार्यक्रमों में 100 लोगों के प्रतिबंधों को खत्म कर दिया है. तो क्या उर्से रजवी के जायरीन को इसका लाभ होगा? इस पर कोई तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है.

दूसरी तरह सैकड़ों जायरीन हैं, जो दरगाह से जुड़े लोगों और शहरवासियों से संपर्क कर उर्स की जानकारी ले रहे हैं. लेकिन कोविड प्रतिबंधों के कारण किसी के पास इसका जवाब नहीं है.

गुरुवार यानी जुमेरात को भी दरगाह से जो प्रेसनोट जारी किया गया है. उसमें भी इसी बात का जिक्र किया गया है कि उर्स गाइडलाइन के मुताबिक होगा.

दरअसल हाल ही में प्रशासन ने दरगाह के इंतजामियां के साथ बैठक में 100 लोगों के साथ ही उर्स मनाने की अनुमति दी थी. जिसमें कहा था कि उर्स शासन की गाइडलाइन के दायरे में मनाएं. चूंकि उस वक्त तक 100 लोगों की समय-सीमा निर्धारित थी. 28 सितंबर के अपने अादेश में शासन ने खुले स्थलों पर होने वाले कार्यक्रमों से ये प्रतिबंध हटा लिए हैं. ये कहते हुए कि खुले स्थान पर जगह के क्षेत्रफल के अनुसार लोग शामिल हो सकेंगे. (Dargah Ala Hazrat Bareilly)

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