दरगाह आला हजरत पर इमामों की मीटिंग, मौलाना सुब्हानी मियां की आशंका-लखीमपुर से ध्यान हटाने की कोशिश तो नहीं

द लीडर : आला हजरत के उर्से रजवी में हुए बवाल को लेकर दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां-सुब्हानी मियां का बड़ा आरोप सामने आया है. जिसमें उन्होंने अंदेशा जताया है कि लखीमपुर घटना से, देश का ध्यान हटाने के लिए, कहीं इसका रुख बरेली की तरफ मोड़ने की कोशिश तो नहीं हुई है? उर्स में जायरीन पर लाठीचार्ज, मुकदमों को लेकर दरगाह प्रबंधन और प्रशासन आमने सामने है. गुरुवार को मौलाना सुब्हानी मियां ने एसएसपी बात की है और मौलाना दानिश को छोड़ने की मांग रखी. एसएसपी से साफ शब्दों में कहा कि मौलाना को छोड़ें वरना मैं गिरफ्तारी देने आ रहूं. (Dargah Ala Hazrat News)

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में 4 अक्टूबर को आला हजरत के उर्स का कुल था. शहामगंज चौराहे पर पुलिस ने बैरिकेड लगाकर जायरीन को रोक दिया था. इसको लेकर पुलिस-जायरीन में झड़प हो गई. कुछ पत्थर भी चले और पुलिस ने लाठियां भांजी. इस मामले में मौलाना दानिश को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है. जबकि सात नामजद और 400 से 500 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज है.

 

इसी को लेकर मौलाना सुब्हानी मियां ने पुलिस-प्रशासन को शुक्रवार तक का अल्टीमेटम दिया है. मांग है कि जायरीन पर दर्ज केस वापस लिए जाएं. वरना वह खुद गिरफ्तारी देंगे. (Dargah Ala Hazrat News)

दरगाह प्रमुख के गिरफ्तारी देने के ऐलान पर सुन्नी-बरेलवी मुसलमानों की सभी धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं एक्टिव हो गई हैं. जुमे को दरगाह पर उलमा और मस्जिदों की इमामों की एक बैठक प्रस्तावित है. जिसमें आगे की रणनीति तय पर चर्चा होगी.


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इस बीच चंद्रशेखद आजाद की आजाद समाज पार्टी के मंडल प्रभारी और राष्ट्रीय सुन्नी उलमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना इंतेजार अहमद कादरी ने गुरुवार को जिला प्रशासन को एक मांग पत्र दिया है कि जायरीन के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं. आइएमसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने भी दरगाह प्रमुख की हिमायत में गिरफ्तारी देने की घोषणा कर दी है.

गुरुवार की शाम को देश के कुछ प्रमुख उलमा के दरगाह पर पहुंचने की खबर है. तहरीक के महासचिव मुफ्ती आमिर आरफीन रजवी ने बताया कि तहरीक-ए-फरोग इस्लामी के अध्यक्ष मौलाना कमर गनी उस्मानी भी शुक्रवार को बरेली पहुंच रहे हैं. मुंबई की रजा एकेडमी ने भी सुन्नी उलमा के साथ गिरफ्तारी देने का ऐलान किया है. संभल के अलावा रुहेलखंड के इमाम, उलमा तक इसका संदेश पहुंच चुका है. कुछ जगहों पर दरगाह के समर्थन में गिरफ्तारी देने के ऐलान भी हुए हैं.

 

यह पहला मौका है जब दरगाह के प्रमुख इस तरह से अड़ गए हैं. उनका कहना है कि आला हजरत के जायरीनों के साथ पुलिस ने गलत बर्ताव किया है. जिससे छवि खराब हुई है. कल शुक्रवार है. दरगाह के अल्टीमेटम का आखिरी दिन भी. लेकिन इस मामले को शांत करने की अब तक कोई ठोस पहल अंजाम तक पहुंचती नजर नहीं आ रही है. (Dargah Ala Hazrat News)

सलमान मियां और आसिफ मियां के नेतृत्व में दरगाह का एक प्रतिनिधि मंडल एडीजी से मिल चुका है. उन्होंने किसी बेकूसर के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने का भरोसा भी दिलाया. लेकिन दरगाह के बुजुर्ग अड़ गए हैं कि जायरीन को छोड़कर, हालात के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

गुरुवार को दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा-अहसन मियां ने शासन और प्रशासन के समक्ष छह मांगी रखी हैं. जिनमें-पहली मांग ये है कि शहामतगंज बवाल मामले की जांच किसी रिटायर्ड जस्टिस की अगुवाई में उच्च स्तरीय कमेटी से कराई जाए.

2-शहामतगंज में जायरीन पर लाठीचार्ज के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो.

3-सीओ थर्ड साद मियां और बारादरी पुलिस इंस्पेक्टर, शहामतगंज चौकी इंचार्ज को तत्काल प्रभाव से निलंबित-लाइन हाजिर किया जाए.

4-जायरीन को रोकने के लिए बैरियर क्यों लगाए गए? किस शासनादेश और निर्देश के तहत ऐसा किया गया. इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.

5-जिन 400-500 अकीदतमंदों के खिलाफ मुकदमें लिखे गए हैं-उन्हें वापस लिया जाए.

6-मौलाना दानिश की रिहाई के साथ उन्हें मुकदमों से बरी किया जाए.

Ateeq Khan

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