Lakhimpur Kheri Violence : सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से पूछा कि क्या आरोपी आम आदमी होता तो उसे भी इतनी छूट मिलती?

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द लीडर : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा (Lakhimpur kheri Violence) मामले में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने यूपी सरकार को कड़ी फटकार लगाई है.

सुप्रीम कोर्ट यूपी सरकार की स्टेटस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या आरोपी आम आदमी होता तो उसे भी इतनी छूट मिलती? “क्या हत्या के सभी केस में यूपी पुलिस यही करती है?

अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 20 अक्टूबर को सुनवाई करेगा. (Lakhimpur kheri Violence)

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने क्या कहा

लखीमपुर हिंसा मामले की सुनवाई के दौरान देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि सरकार की ओर से मामले की जांच में जिन अधिकारियों को लगाया गया है, सब वहीं के लोकल फील्ड ऑफिसर्स हैं.

उनके व्यवहार से ऐसा नहीं लग रहा है कि वो सही से जांच कर पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि मामले से जुड़े हुए सभी साक्ष्यों को संभाल कर रखा जाए.

शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा, दो अधिवक्ताओं द्वारा लिखित पत्र का संज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को लखीमपुर हिंसा (Lakhimpur kheri Violence) पर सुनवाई की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में उप्र सरकार से शुक्रवार तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी कि जांच अब तक कहां पहुंची है? मामले में कौन-कौन आरोपी हैं? अब तक उन्हें गिरफ्तार किया गया है या नहीं?

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को अधिवक्ता हरीश साल्वे ने उप्र सरकार की स्टेटस रिपोर्ट पेश की. उन्होंने दलील देते हुए कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में किसी भी किसान को गोली लगने से मौत होने की पुष्टि नहीं हुई है.

पुलिस को घटनास्थल से दो कारतूस जरूर मिले हैं. संभव है कि आरोपियों की कोई गलत मंशा रही हो. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने उप्र सरकार के वकील से पूछा कि तो क्या आरोपियों को हिरासत में न लेने की क्या यही वजह थी?

यह है पूरा मामला

लखीमपुर खीरी में गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने सड़क किनारे प्रदर्शन कर रहे किसानों को कार से कुचल दिया था. जिसमें 4 किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी.

इससे गुस्साएं किसानों ने एक ड्राइवर और दो बीजेपी कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. घटनास्थल पर मौजूद किसानों का आरोप है कि मंत्री का बेटा फायरिंग करते हुए भाग निकला था.

इस मामले में आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है, लेकिन अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं की गई है.

नेपाल भाग जाने की चर्चा

पुलिस ने आशीष मिश्रा को शुक्रवार को एसआईटी के सामने पेश होने का नोटिस जारी किया था, मगर वह अब तक नहीं पहुंचा है. वहीं, लखीमपुर में उसके साथी के संग नेपाल भाग जाने की चर्चा है. (Lakhimpur kheri Violence)

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