आला हज़रत खानदान की सबसे बुज़ुर्ग ख़ातून का इंतक़ाल

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दरगाह आला हजरत.
  • मुफ़्ती असजद मियां, मन्नानी मियां अफ़रोज़ मियां की थीं सास
  • 90 साल की उम्र में बरेली के कांकरटोला में ली आख़री सांस
  • आला हज़रत के पोते मौलाना सिब्तैन रज़ा खां की थीं बीवी
  • मंगलवार को ज़ुहर की नमाज़ बाद तीन बजे होंगी सुपुर्दे ख़ाक

द लीडर : आला हजरत खानदान की सबसे बुजुर्ग बताई जा रहीं खातून का इंतकाल हो गया है. मरहूमा अमीने शरीयत मौलाना सिब्तैन रजा खां की बीवी हैं. आपके वालिद अब्दुल रशीद खां फतेहपुरी थे. नबीरे आला हजरत मौलाना मन्नान रजा खां-मन्नानी मियां, दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन मुफ्ती असजद रजा कादरी-असजद मियां और ऑल इंडिया रजा एक्शन कमेटी-युवा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना अदनान रज़ा के वालिद अफ़रोज़ मियां की सास हैं. उनके इंतकाल से खानदाने आला हजरत में रंज-ओ-गम का माहौल है. द लीडर की टीम भी मरहूमा के लिए मग़फिरत की दुआ करती है.

मौलाना सिब्तैन रजा खां, आला हजरत के भाई हसन रजा खां के पौत्र हैं. इनके पांच बच्चे हैं. दो बेटे और तीन बेटियां. मुफ्ती सलमान रजा खां बेटे हैं, जोकि दरगाह अमीने शरीयत के सज्जादानशीन हैं. छोटे बेटे नोमान मियां छत्तीसगढ़ में रहते हैं.

परिवार में सबसे बुजुर्ग खातून के इंतकाल पर सभी ने अफसोस जाहिर किया है. और उनके लिए मगफिरत की दुआएं की हैं.दरगाह आला हजरत पर भी उनके हक में दुआएं की गई हैं. ख़ानक़ाह-ए-तहसीनिया के मदरसे में एडमिनिस्ट्रेटर मौलाना दानिश रज़ा ने बताया कि घर पर आख़िरी दीदार के लिए सुबह से ही महिलाओं की भीड़ है.

रजा एक्शन कमेटी के राष्ट्रीय सचिव हाफिज इमरान बरकाती ने कहा कि खानकाहे अमीने शरीयत के जो लोग भी बाहर हैं. ये खबर सुनकर वह घर लौट रहे हैं.

जमात रजा-ए-मुस्तफा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया कि मुफ्ती असजद मियां बाहर हैं. वह अपने सभी कार्यक्रम रद करके बरेली लौट रहे हैं.

 

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