इथियोपिया में कथित अत्याचारों की जांच में संयुक्त राष्ट्र ने पाया कि सभी पक्षों ने गंभीर दुर्व्यवहार किया है। तिगरे क्षेत्र में सालभर से जारी युद्ध में मानवता की बलि चढ़ाई गई और भयानक युद्ध अपराध किए गए हैं। जांच अधिकारियों को 1300 से ज्यादा तो बलात्कारों की सूचना मिली, जिनमें से कई की रिपोर्ट होने की भी संभावना नहीं थी। (Cruelty Exceeded In Ethiopia)
इथियोपियाई मानवाधिकार आयोग (ईएचआरसी) के साथ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय से बुधवार को जारी रिपोर्ट तब आई है, जब विद्रोहियों ने राजधानी अदीस अबाबा पर कब्जे को मार्च की तैयारी की ओर इसके बाद देशव्यापी आपातकाल का ऐलान किया गया।
संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तिगरे संघर्ष में नागरिकों को क्रूर हिंसा और पीड़ा का शिकार होना पड़ा है।”
“संयुक्त राष्ट्र जांच दल ने गैरकानूनी हत्याओं, यातना, यौन आधारित हिंसा, शरणार्थियों से क्रर बर्ताव और जबरन विस्थापन के तथ्यों को रिपोर्ट का हिस्सा बनाया है।” (Cruelty Exceeded In Ethiopia)
नवंबर 2020 और जून के बीच दर्ज किए गए अधिकांश उल्लंघन “इथियोपियाई और इरिट्रिया बलों द्वारा किए गए प्रतीत होते हैं।” संयुक्त राष्ट्र ने तब से तिगरियन बलों के साथ-साथ इथियोपियाई और इरिट्रिया बलों द्वारा दुर्व्यवहार की संख्या में वृद्धि देखी है।
“यह महत्वपूर्ण है कि सभी पक्ष शत्रुता को समाप्त करने के लिए कोशिशों पर ध्यान दें,” बाचेलेट ने कहा।
जांच में पाया गया कि कई इथियोपियाई सैन्य शिविरों का इस्तेमाल पकड़े गए टीपीएलएलएफ सदस्यों या उनके संहेदास्पद समर्थक नागरिकों को यातना देने के लिए किया गया। यहां तक कि तमाम लोगों को देशभर में “गुप्त स्थानों” और सैन्य शिविरों में मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया।
रिपोर्ट में पाया गया कि टीपीएलएफ ने युद्ध के शुरुआती दिनों में पश्चिमी तिगरे में कुछ अम्हारा नागरिकों को सेना का समर्थन करने के संदेह पर हिरासत में लेकर प्रताड़ित किया। (Cruelty Exceeded In Ethiopia)
इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, “संयुक्त राष्ट्र के निष्कर्षों ने स्पष्ट रूप से नरसंहार के दावे को झूठा और किसी भी तथ्यात्मक आधार की कमी के रूप में स्थापित किया।”
इथियोपिया के अधिकारियों ने अपराधों की जांच शुरू कर दी है, कुछ अपराधियों को पहले ही कथित तौर पर दोषी ठहराया जा चुका है।
वहीं, बाचेलेट ने इथियोपियाई एजेंसियों की जांच में “पारदर्शिता की कमी” पर चिंता व्यक्त की है।
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने कहा, “हमारी रिपोर्ट की खास चिंता जवाबदेही को लेकर है।” उन्होंने कहा कि अगर इथोपियाई अधिकारी पीड़ितों को न्याय देने में विफल रहते हैं तो एक स्वतंत्र जांच तंत्र पर विचार किया जाना चाहिए।
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि इथियोपिया सरकार ने संयुक्त जांच को सीमित करने की कोशिश की है। (Cruelty Exceeded In Ethiopia)
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने एसोसिएटेड प्रेस समाचार एजेंसी को बताया कि ईएचआरसी के साथ सरकारी स्तर पर गठित सहयोग टीम के लिए युद्धग्रस्त क्षेत्र में कई शर्तें थीं। सुरक्षा और अन्य बाधाओं के कारण संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी एक्सम शहर सहित युद्ध के कुछ सबसे घातक स्थलों का दौरा करने में असमर्थ थे।
संयुक्त जांच में कई बाधाओं का उल्लेख किया गया है, जिसमें इथियोपियाई सरकार की जांच के लिए खरीदे गए सैटेलाइट फोन को जारी करने में विफलता भी शामिल है।
स्वतंत्र पत्रकार सैमुअल गेटाचेव ने कहा, “यह एक स्वतंत्र जांच है, यही वह क्षण है जिसका हम इंतजार कर रहे थे,”।
“इथियोपिया को चाहिए कि वह बताए कि वास्तव में क्या हुआ, इस स्थिति का दुरुस्त करने का क्या तरीका है।”
Source: Al Jazeera