दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक, 20 से 25 अप्रैल के बीच पीक पर होगा कोरोना, एक बार फिर घटेंगे केस

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लखनऊ। देश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण  के मामलों के बीच थोड़ा परेशान करने वाली खबर आई है. कोरोना  पर नजर रख रहे विशेषज्ञों का कहना है कि, अगले कुछ दिनों में कोरोना पीक पर होगा.  कोरोनावायरस को लेकर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने जहां अगले चार हफ्तों को बेहद अहम बताया है.

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वहीं आईआईटी कानपुर की टीम ने गणितीय मॉडल के आधार पर कहा है कि, देश में कोरोना की लहर 20 से 25 अप्रैल के बीच अपनी ऊंचाई पर होगी.

दूसरी लहर पहले से ज्‍यादा खतरनाक

आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल के मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्‍यादा खतरनाक दिखाई पड़ रही है. अब तक कोरोना के केस ने दो लाख के आंकड़े को छू लिया है. अभी भी संकट कम नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि, हमारी टीम ने जो गणितीय मॉडल से कोरोना पर नजर रखी है.

 

उसके मुताबिक 20 से 25 अप्रैल के बीच यह आंकड़ा दो लाख तक पहुंचना चाहिए था. हालांकि हालात काफी बदल चुके हैं. पीक वैल्यू बदलती जा रही है. हम उम्‍मीद कर रहे हैं कि 20 से 25 अप्रैल के बीच कोरोना पीक पर होगा. इसके बाद थोड़ी राहत मिलने लगेगी.

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मई के अंत तक बेहतर होगी स्थिति

प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि, 25 अप्रैल के बाद कोरोना से राहत मिलना शुरू हो जाएगी और एक्टिव केस कम होने लगेंगे. उन्‍होंने कहा कि, मई के अंत तक स्थिति बेहतर होने लगेगी. प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि, सभी राज्‍यों में एक सामान्‍य स्थिति ही दिखाई देगी. जहां कोरोना के केस सबसे ज्‍यादा हैं, वहां भी मई के अंत तक हालात सामान्‍य होने लगेंगे.

मौजूदा लहर पिछली लहर से इस मायने में अलग है कि, रोजाना दर्ज की जा रही मौतें इस बार संक्रमण की दर के मुकाबले कम हैं. वैक्‍सीन आ जाने के बाद लोगों ने लापरवाही बरती, जिसके कारण ही कोरोना के आंकड़ों में इजाफा हुआ.

इस बार संक्रमण के मुकाबले कम है मौत का आंकड़ा

प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि, इस बार मौत का आंकड़ा कम होने से थोड़ी राहत जरूर मिली है. पिछली बार जब देश में एक लाख कोरोना केस हुए थे. तभी मौत का आंकड़ा एक हजार के करीब पहुंचने लगा था. इस बार दो लाख केस होने पर भी मौत का आंकड़ा एक हजार तक नहीं पहुंचा है.

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इस लहर की पीक वैल्यू क्या है?

प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि, हमारे पीक की वैल्यू रोजाना दो लाख नए संक्रमण थी जो कि, 15 अप्रैल को ही आ चुकी है. हमने 20 से 25 अप्रैल के बीच यह आंकड़ा आने की उम्मीद जताई थी. ऐसे में पीक वैल्यू बदलती जा रही है. यह पीक वैल्यू कैसे तय होती है? इस पर उन्होंने बताया कि, हम कोरोना की विशेषताओं को ध्यान में रखकर इसे तय करते हैं. इसमें रोजाना के संक्रमण डेटा के अलावा बिना लक्षण वाले मामलों और पाबंदियों की स्थिति को भी ध्यान में रखते हैं.

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