किसानों की बदहाली, महाराष्ट्र में पिछले 16 महीनों में 1784 किसान कर चुके हैं आत्महत्या

0
260

द लीडर हिंदी, मुबंई। देश कोरोना के भीषण संकट का सामना कर रहा है वहीं महाराष्ट्र के विदर्भ का किसान दोहरे संकट से जूझ रहा है. ये संकट किसानों की बदहाली का है. हालात ये है कि पिछले 16 महीनों में 1784 किसान खुदकुशी कर चुके हैं.

यह भी पढ़ें: दिल्ली दंगा 2020 : आसिफ इकबाल तन्हा, नताशा नरवाल और देवंगाना कलिता को मिली जमानत

कर्जे के बोझ ने तोड़ी किसानों की कमर

फसल का कम भाव, फसल की कम पैदावार और कर्ज का बोझा विदर्भ के किसान की कमर तोड़ दी है. जानकारी के मुताबिक, पिछले 16 महीनों में 1784 किसानों ने खुदकुशी की है. मतलब हर महीने 111 के करीब किसानों ने मौत को गले लगा लिया.

युवा किसानों ने भी मौत को लगाया गले

इन्हीं में से एक है यवतमाल के पिंपरी बुटी गांव के युवा किसान अंकुश नवले. जिन्होंने 7 अप्रैल 2021 को घर में जहर पीकर आत्महत्या की. इसी तरह वर्धा के पेड़गांव के किसान दिलीप टेपने ने अक्टूबर 2020 में आत्महत्या कर ली.

यह भी पढ़ें:  मेरी हत्या कर दो, लेकिन मंदिर का चंदा चोरी नहीं करने दूंगा: घर में कालिख पुतने पर सांसद संजय सिंह

अमरावती डिवीजन में सबसे ज्यादा खुदखुशी के मामले

किसानों की सबसे ज्यादा खुदखुशी अमरावती डिवीजन के यवतमाल में हुई हैं. 2020 में इस जिले में 319 किसानों ने खुदकुशी कर जान दी थी. वहीं इस साल के चार महीनों में अबतक 83 किसान जान दे चुके हैं.

नागपुर में 16 महीने में 386 किसानों ने दी जान

नागपुर डिवीजन में इन 16 महीनों में 386 किसानों ने खुदकुशी कर जान दी है. वर्धा जिले में फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जहां पिछले साल 152 और इस साल 40 किसान जान दे चुके हैं.

यह भी पढ़ें:  बिहार में कोरोना प्रतिबंधों में ढील, खुलेंगी दुकानें और दफ्तर, जारी रहेगा नाइट कर्फ्यू

इन किसानों को नहीं माना गया मुआवजे के लायक

किसान आत्महत्या के मामले बड़ी संख्या में सामने आने के बाद भी इन किसानों को मुआवजे का पात्र नहीं माना गया. जैसे अमरावती डिविजन में 2020 में 1137 आत्महत्या में सिर्फ 494 को मुआवजे के योग्य माना गया. बता दें कि, राज्य सरकार से योग्य पाए जाने पर एक लाख रुपए का मुआवजा मिलता है.

यह भी पढ़ें:  देश में घटा संक्रमण, पिछले 24 घंटे में 60,471 नए मामले, जानें अन्य राज्यों का हाल ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here