12 से 18 साल के बच्चों के लिए कोर्बेवैक्स टीका सुरक्षित, जानें भारत में कब तक मिलने की संभावना

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द लीडर | देश में कोरोना महामारी के बीच टीकाकरण अभियान भी तेजी से जारी है. इस बीच एक्सपर्ट ने दावा किया है कि 12 से 18 साल के आयु वर्ग वाले युवाओं को टीकाकरण के लिए कोर्बेवैक्स (Corbevax) टीका सुरक्षित है. टीकाकरण पर नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप (NTAGI) के भारत के कोविड-19 कार्यकारी समूह के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा ने कहा कि कोर्बेवैक्स एक सुरक्षित टीका है. इस वैक्सीन का एंटीबॉडी लेवल भी काफी ज्यादा है. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर कोर्बेवैक्स एक बहुत ही उपयोगी टीका है. भारत में दूसरे टीकों की तरह ही इसकी 2 डोज होगी.

28 दिनों के अंतराल पर लेनी होगी

सरकार ने अभी तक 15 साल से कम उम्र के बच्चों के वैक्‍सीनेशन करने पर फैसला नहीं लिया है. नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने हाल ही में कहा था कि वैक्‍सीनेशशन की अतिरिक्त जरूरत और इसके लिए और अधिक आबादी को शामिल करने की समीक्षा नियमित तौर पर की जाती है. भारत के ड्रग्‍स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) पहले ही वयस्कों के लिए कोर्बेवैक्स के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे चुका है. कोर्बेवैक्स Covid-19 के खिलाफ भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित RBD प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है. हालांकि, अभी इसे टीकाकरण अभियान में शामिल नहीं किया गया है. यह दो डोज की वैक्सीन है जिसे 28 दिनों के अंतराल पर लेनी होगी.


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क्या कहा NTAGI प्रमुख ने

घरेलू टीकाकरण पर, राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) के कार्यकारी समूह के अध्यक्ष डा एनके अरोड़ा का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, ‘कार्बेवैक्स एक सुरक्षित टीका है और इसकी स्थानीय प्रतिक्रियाएं भी कम हैं. इस वैक्सीन का एंटीबाडी लेवल भी काफी ज्यादा होता है. कुल मिलाकर कार्बेवैक्स एक बहुत ही उपयोगी टीका है. भारत में अन्य टीकों की तरह इसकी 2 प्राथमिक खुराकें होंगी.’

जल्द ही मिल सकती है कोर्बेवैक्स को अंतिम मंजूरी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देश के केंद्रीय दवा प्राधिकरण द्वारा जल्द ही कोर्बेवैक्स को अंतिम मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है. यह दो खुराक वाली वैक्सीन है. 28 दिनों के भीतर दो खुराक लेनी होगी. इस टीके का भंडारण 2 से आठ डिग्री सेल्सियस पर किया जाता है. न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि प्रोटीन सबयूनिट टीके सुरक्षित टीके हैं, इम्युनोजेनेसिटी बहुत अच्छी है और स्थानीय प्रतिक्रियाएं भी कुछ अन्य टीकों जैसे वेक्टर वैक्सीन या एमआरएनए वैक्सीन की तुलना में कम हैं. उन्होंने कहा कि एक और बहुत अहम इस टीके के बारे में बात है कि कुछ वेक्टर टीकों की तुलना में एंटीबॉडी का स्तर बहुत अधिक है.

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