द लीडर। दुनिया भर में सबसे बड़े खेल आयोजनों में से एक राष्ट्रमंडल खेलों का आगाज गुरुवार यानि आज से बर्मिंघम में शुरू होने जा रहा है। इंग्लैंड का दिल कहे जाने वाला खूबसूरत शहर बर्मिंघम इस बार खेलों की मेजबानी कर रहा है। यहां खेलों के लिए मंच तैयार है, एथलीट प्रदर्शन करने के लिए उतावले हैं। और बर्मिंघम दुनिया भर के समर्थकों का स्वागत करने के लिए तैयार है।
8 अगस्त तक खेले जाएंगे गेम्स
बर्मिंघम में आज कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुआत हो रही है। भारतीय समयानुसार रात 11:30 बजे भव्य उद्घाटन समारोह के साथ इस इवेंट की शुरुआत होगी। यह खेल आठ अगस्त तक आयोजित किए जाएंगे। बर्मिंघम और भारत के बीच साढ़े पांच घंटे के समय के अंतर को ध्यान में रखते हुए उद्घाटन समारोह 28 जुलाई यानि आज रात 11.30 बजे से शुरू होगा। इस कार्यक्रम में प्रिंस चार्ल्स शामिल होंगे। उद्घाटन समारोह में काफी कुछ प्रदर्शन होंगे।
यह भी पढ़ें: तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर बैठे अलगाववादी नेता यासीन मलिक की बिगड़ी तबीयत, RML अस्पताल में भर्ती
राष्ट्रमंडल खेल 2022 में 283 अलग-अलग मेडल इवेंट शामिल हैं। इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में 72 टीमें हिस्सा ले रही हैं। इन खेलों के लिए लगभग 6,500 एथलीट और सपोर्ट स्टाफ बर्मिंघम पहुंचे हैं। राष्ट्रमंडल खेल में पहली बार महिला टी-20 किक्रेट को शामिल किया गया है।
🤩 We're ready.
📆 Tomorrow at 8pm, it begins.
🏅 The Birmingham 2022 Commonwealth Games are almost here!#B2022 pic.twitter.com/Hw4XcxC6eu
— Birmingham 2022 (@birminghamcg22) July 27, 2022
राष्ट्रमंडल खेलों में एथलीट तैराकी, एथलेटिक्स, जिमनास्टिक, मुक्केबाजी, कुश्ती, बैडमिंटन, क्रिकेट, हॉकी, बास्केटबॉल, साइकिलिंग और कई अन्य खेल आयोजनों में प्रतिस्पर्धा करेंगे। प्रमुख मल्टीस्पोर्ट वर्ल्ड इवेंट के इतिहास में पहली बार, पुरुषों की तुलना में महिला एथलीटों के लिए अधिक पदक दांव पर लगे हैं। खेलों में 134 पुरुष पदक और 136 महिला पदक स्पर्धाएं होंगी।
पीवी सिंधु उद्घाटन समारोह के दौरान भारत की ध्वजवाहक होंगी
राष्ट्रमंडल खेल 2022 का उद्घाटन समारोह प्रिंस चार्ल्स और अलेक्जेंडर स्टेडियम में 30,000 दर्शकों की उपस्थिति में होगा, जो विश्व चैंपियन खिलाड़ियों और कलाकारों के लिए जयकार करेगा। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता और स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु उद्घाटन समारोह के दौरान भारत की ध्वजवाहक होंगी।
The #QBR2022 made it's journey through Castle Bromwich and Solihull where it received a warm welcome! Keep an eye out for the next leg of the journey, where the Baton find its way to the heart of Birmingham City Centre! pic.twitter.com/muhZjNcEoo
— Birmingham 2022 (@birminghamcg22) July 27, 2022
भारत ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों 2022 के लिए 215 एथलीटों और 107 अधिकारियों की एक टीम भेजी है। जैसे-जैसे महिला क्रिकेट अपनी शुरुआत कर रहा है, खेल भारत में दर्शकों के साथ और जुड़ेंगे।
राष्ट्रमंडल खेलों का यह 22वां संस्करण
1930 में शुरु हुए राष्ट्रमंडल खेलों का यह 22वां संस्करण है। पहला कॉमनवेल्थ गेम्स 1930 में कनाडा के शहर हैमिलटन में हुआ था। 1930 में 11 देशों के लगभग 400 खिलाड़ियों ने राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लिया था। एथलीट्स ने तब छह खेलों के 59 इवेंट्स में अपना दमखम दिखाया था। 1930 के बाद से हर चार साल पर इसका आयोजन होता रहा है।
हालांकि, द्वितीय विश्व-युद्ध के कारण 1942 और 1946 में राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन नहीं हो सका था। भारत 18वीं बार इन खेलों का हिस्सा बन रहा है। भारत ने अब तक इन खेलों में 181 स्वर्ण, 173 रजत और 149 कांस्य पदक जीते हैं। भारत 2002 मैनचेस्टर खेलों से लगातार हर राष्ट्रमंडल खेलों में पदक हासिल करने के मामले में शीर्ष पांच देशों में शामिल रहा है।
बर्मिंघम करेगा राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी
बता दें कि, राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी बर्मिंघम, ब्रिटेन में उद्घाटन समारोह के साथ शुरू होगा। लंदन 1934 और मैनचेस्टर 2002 के बाद यह तीसरी बार है जब इंग्लैंड राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी कर रहा है।
इस संस्करण में 54 देशों और 18 क्षेत्रों की 72 टीमें शामिल होंगी, जो 19 विभिन्न विषयों में प्रतिस्पर्धा करेंगी। प्रस्ताव पर 1,800 से अधिक पदक और रोस्टर पर तीन नए खेल हैं।
नीरज चोपड़ा के हटने से भारत को झटका
भारत ने इन खेलों के 72 साल के इतिहास में एथलेटिक्स में 28 पदक हासिल किए हैं। इस बार ट्रैक एंड फील्ड से अच्छे पदकों की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा के चोटिल होकर नाम वापस लेने से भारत को झटका लगा है। शरीर में चोट के कारण नीरज चोपड़ा कॉमनवेल्थ गेम्स से बाहर हो गए है।
वहीं भारत की दिग्गज एथलीट और एथलेटिक्स फेडरेशन की उपाध्यक्ष अंजू बॉबी जॉर्ज का कहना है कि नीरज के हटने से अंतर पड़ा है, लेकिन एथलीटों का फोकस अपने लक्ष्य पर है। निशानेबाजों के न होने से नुकसान होगा, लेकिन ट्रैक एंड फील्ड में सात से आठ पदक मिलने से उसकी कुछ हद तक भरपाई हो सकेगी।
भारत को इन खिलाड़ियों से उम्मीद
-
कुश्ती में भारत को कई स्वर्ण मिलने की उम्मीद की जा रही है। भारत के 12 पहलवानों में गत चैंपियन विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के पोडियम पर पहुंचने की पूरी उम्मीद है। पिछली बार गोल्ड कोस्ट में पहलवानों ने पांच स्वर्ण सहित 12 पदक दिलाए थे।
-
भारोत्तोलकों ने चार साल पहले पिछले संस्करण में पांच स्वर्ण सहित नौ पदक दिलाए थे। ओलंपिक रजत पदक विजेता मीराबाई चानू की अगुवाई में भारोत्तोलक फिर अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद की जा रही हैं।
-
दो ओलंपिक पदक जीत चुकीं पीवी सिंधु महिला एकल में स्वर्ण की दावेदार हैं। इसके अलावा पुरुष एकल, महिला युगल और मिश्रित टीम स्पर्धा में भी पदक जीतने की पूरी संभावना है। भारतीय दल में सिंधु के अलावा विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता किदांबी श्रीकांत और लक्ष्य सेन शामिल हैं।
-
गोल्ड कोस्ट में भारत ने आठ पदक टेबल टेनिस में जीते थे जिसमें आधे अकेले मनिका बत्रा ने दिलाए थे। उस प्रदर्शन को दोहराना बड़ी चुनौती होगी लेकिन दो स्वर्ण पदक की उम्मीद की जा रही है।
-
अनुभवी शरथ कमल अपने पांचवें और अंतिम राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा ले रहे हैं। उनका लक्ष्य एकल में स्वर्ण पदक जीतना होगा जिसे उन्होंने 16 साल पहले हासिल किया था। गैर ओलंपिक खेलों में स्क्वॉश में एकल वर्ग में पहला पदक जीतना लक्ष्य होगा। मिश्रित युगल और महिला युगल से दो स्वर्ण पदक मिल सकते हैं।
खेलों पर 74 अरब का खर्च करने का अनुमान
बताया जा रहा है कि, बर्मिंघम में में आयोजित हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में करीब 74 अरब का खर्च हो रहा है। रिपोर्टों के अनुसार बर्मिंघम खेलों पर 778 मिलियन पौंड (74.93 अरब) के खर्च का अनुमान है। दरअसल इन खेलों के संचालन में होने वाले अत्यधिक खर्च के कारण राष्ट्रमंडल खेल महासंघ नए मेजबान को आकर्षित नहीं कर पा रहा है।
बर्मिंघम ने भी 2017 में दक्षिण अफ्रीका के इन खेलों के संचालन में पीछे हटने के बाद 2022 के लिए देर से ही दावेदारी पेश की थी। बर्मिंघम 2022 के सीईओ इयान रीड का कहना है कि हमें इन खेलों को कम खर्चीला बनाने की जरूरत है, ताकि ये ऐसे शहरों में हो सकें, जिन्होंने अभी तक इसकी मेजबानी नहीं की है। फिलहाल कॉमनवेल्थ गेम्स पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।
यह भी पढ़ें: 39 साल बाद वेस्टइंडीज़ से वनडे सीरीज़ में भारत का क्लीन स्वीप