लखनऊ। ये कोई नई बात नहीं है कि सिटी मोंटेसरी स्कूल ने सरकार के नियम कानून को किनारे रख कर कोई काम किया हो लेकिन लगता है इस बार ऊँची पहुँच वाले स्कूल के संस्थापक जगदीश गाँधी का रौब काम नहीं आया। लखनऊ के महानगर स्थित सिटी मोंटेसरी स्कूल की बिल्डिंग को सील कर दिया गया है यंहा पर कोविड-19 से संक्रमित शिक्षक की सूचना के बाद जिला प्रशासन ने नगर निगम की मदद से स्कूल का सेनिटाइजेशन कराया फिर पूरी बिल्डिंग को सील कर दिया।
प्रदेश में मुख्यमंत्री ने सभी स्कूलों की 25 से 31 तारीख तक छुट्टी कर रखी है लेकिन लखनऊ वाले जगदीश गाँधी के सीएमएस पर पर मुख्यमंत्री के आदेश का क्या असर ? मुख्यमंत्री ने बच्चो की छुट्टी के आदेश दिए तो सीएमएस ने प्री बोर्ड परीक्षा के बहाने बच्चों को स्कूल बुला लिया बच्चो के द्वारा दी जानकारी के अनुसार आज बच्चों को स्कूल बुलाया गया था लेकिन शिक्षक के कोरोना पॉजिटिव की सूचना के बाद स्कूल प्रशासन ने बच्चों को घर वापस भेज दिया । हालांकि अब स्कूल प्रशासन की तरफ से कई तर्क दिए जायेंगे और ऊँची पहुँच के चलते कोई कार्यवाही भी नहीं होगी लेकिन इस तरह से बच्चो की जिंदगी से कब तक खेलते रहेंगे ऐसे प्राइवेट स्कूल के मालिक। क्यों स्कूल के मालिक देख कर स्कूल पर कार्यवाही होती है ?
अब स्कूल की तरफ से एक ये भी तर्क दिया जा सकता है की बच्चों की तो छुट्टी थी लेकिन शिक्षकों को बुलाया गया था। ये कोई सीएमएस का ही बात नहीं है बड़े बड़े रुतवे वाले स्कूलों में बच्चो की छुट्टी तो होती है लेकिन शिक्षकों की नहीं शिक्षकों को तो स्कूल आना ही होता है।
बीते दिनों सीएमएस की दूसरी ब्रांच में में एक शिक्षक कोरोना से संक्रमित मिला था इसके बाद महानगर स्थित ब्रांच में शिक्षकों का कोरोना टेस्ट किया गया जिसमे फिर शिक्षक संक्रमित मिले अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है की ये जो ऊँची पहुँच वाले बड़े स्कूल हैं उन पर प्रशासन का डंडा क्यों नहीं चलता जब बच्चों की छुट्टी होती है तो शिक्षकों को स्कूल क्यों बुलाया जाता है ?