नई दिल्ली : रिटायमेंट के आखिरी दिन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस एसए बोबड़े ने कोर्ट रूम में कहा कि “मैंने अपने कार्यकाल में बेस्ट प्रदर्शन दिया है लेकिन मुझे नहीं पता कि वकील और लोग उनके कार्यकाल के बारे में क्या कहेंगे. अब मैं ये बैटन जस्टिस रमना को सौंपता हूं.
अटार्नी जनरल के वेणुगोपाल ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बोबड़े की तारीफ करते हुए कहा कि जब पिछले साल मार्च भारत में कोरोना महामारी की शुरुआत हुई तो उन्होंने फिजिकल सुनवाई को वर्चुअल सुनवाई में तब्दील किया. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बोबड़े एक बेहतरीन व्यक्ति हैं, इसके साथ ही वे अमेजिंग सेंस ऑफ़ ह्यूमर भी रखते है. जस्टिस बोबड़े का बतौर मुख्य न्यायाधीश आज आखिरी दिन है.
जस्टिस एनवी रमना को भारत का अगला CJI नियुक्त किया गया है. वे 24 अप्रैल को पद संभालेंगे. जस्टिस एन वी रमना CJI के पद पर एक साल, चार महीने तक कार्यरत रहेंगे. नए सीजेआई, जस्टिस रमना आंध्र प्रदेश के कृषि परिवार से संबंध रखते हैं.
जस्टिस रमना साल 2000 में बने थे आंध्र प्रदेश HC के जज
जस्टिस एनवी रमना का जन्म 27 अगस्त 1957 को आंध्र प्रदेश में कृष्ण जिले के पोन्नवरम गांव में हुआ था. वो पहली बार 10 फरवरी 1983 को वकील बने थे. रमना को 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के स्थायी जज के रूप में नियुक्त किया गया था.
इसके बाद उन्होंने 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 तक आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम किया था. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के तौर पर उनका कार्यकाल 26 अगस्त 2022 तक होगा. इस तरह वह 16 महीने तक इस अहम पद पर रहेंगे.
पिछले कुछ सालों में जस्टिस रमना का सबसे चर्चित फैसला जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट की बहाली का रहा है. सांसदों/विधायकों के खिलाफ लंबित मुकदमों की तेज़ सुनवाई के लिए हर राज्य में विशेष कोर्ट बनाने का आदेश देने वाली बेंच की अध्यक्षता भी उन्होंने ही की थी.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के कार्यालय को सूचना अधिकार कानून (RTI) के दायरे में लाने का फैसला देने वाली बेंच के भी जस्टिस रमना सदस्य रह चुके हैं. उनकी अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने निर्भया गैंग रेप और हत्या मामले के दोषियों की क्यूरेटिव याचिका खारिज की थी. इसके बाद उनकी फांसी का रास्ता साफ हुआ था.