तो इसलिए टल रहा है केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार

लखनऊ।देश के सबसे बड़े राजनीतिक सूबे में इन दिनों मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलें जोरों पर है लेकिन अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रहा की ऊंट किस करवट बैठेगा।वंही उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार का सीधा सम्बन्ध केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार से भी देखा जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव है तो प्रदेश को केंद्र में ज्यादा प्रितिनिधत्व मिलने की भी उम्मीद है।वंही यूपी मंत्रिमंडल में मौजूदा समय में काफी खींचतान मची हुई है यही कारण है कि दिल्ली से लखनऊ पहुंच कर पार्टी महामंत्री बीएल संतोष प्रदेश के अलग अलग मंत्रियों से बात कर रहे है।

ऐसा माना जा रहा है कि प्रदेश से किसी न किसी को केंद्र में भी भेजा जा सकता है तो प्रदेश मंत्रिमंडल छोड़ कर सांसद बने प्रदेश के कई पूर्व मंत्री भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपनी जगह बनाने के प्रयास में है।

ऐसा माना जा रहा है कि केंद्र सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार अगले दो सप्ताह के भीतर या तीसरे सप्ताह में होना निश्चित है जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया , वरुण गांधी या मेनका गांधी में से कोई एक और एक चेहरा महाराष्ट्र से और एक उत्तराखंड से सम्भावित है साथ ही जो इस वक्त मंथन यूपी में चल रहा है उसमें जो भी निर्णय लिए जाएँगे उसके बाद यदि कोई चेहरा प्रदेश सरकार से हटाया ज़ाता है तो उसे भी केंद्र में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में जगह दी जाएगी। इसी क्रम में जल्द से जल्द केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार से पहले यूपी में भी मंत्रिमंडल विस्तार और कुछ फेरबदल किया जाएगा ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार के सात साल पूरे हो गए हैं।30 मई को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे हो गए है, लेकिन अभी भी मोदी कैबिनेट के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल के विस्तार का इंतजार है।मंत्रियों के निधन या फिर एनडीए से अलग होने वाले दलों के द्वारा मंत्री पद छोड़ने के कारण उनके पद आज भी खाली हैं, जिसकी वजह से मौजूदा समय में चार मंत्रियों के पास मंत्रालयों का अतिरिक्त प्रभार है।

मोदी सरकार में फिलहाल 22 कैबिनेट, 9 स्वतंत्र प्रभार और 29 राज्य मंत्री हैं। इस तरह के फिलहाल मंत्रियों की संख्या 60 हो रही है जबकि केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री सहित अधिकतम 82 मंत्री बनाए जा सकते हैं।इस तरह से मोदी कैबिनेट में अभी भी 22 मंत्री पद खाली है।माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार के तुरंत बाद केंद्र सरकार का भी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिपरिषद में वर्तमान में 22 कैबिनेट मंत्री हैं। स्वतंत्र प्रभार वाले नौ राज्य मंत्री हैं।इनमें राजकुमार सिंह, मनसुख मांडविया, जितेंद्र सिंह, रिजिजू, हरदीप पुरी और नाइक भी अतिरिक्त मंत्रालयों के साथ राज्य मंत्री हैं।

बीजेपी के अगुवाई वाली एनडीए के 2019 से तीन सहयोगियों, शिवसेना, अकाली दल और एलजेडी को खो दिया है। नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड), 2017 में एनडीए में फिर से शामिल हो गई, लेकिन केंद्र में इसका प्रतिनिधित्व नहीं है। इतना ही नहीं रामविलास पासवान के निधन से रिक्त हुई सीट एलजेपी को मिलेगी या नहीं यह भी साफ नहीं है।

वंही उत्तर प्रदेश में फिलहाल 53 मंत्री हैं। मंत्रिमंडल में 60 मंत्री हो सकते हैं। नतीजतन, सात मंत्रियों को और शामिल किया जा सकता है। बीते दिनों कोरोना से तीन मंत्रियों चेतन चौहान, कमला रानी वरुण और विजय कश्यप की मृत्यु हो चुकी है। हाल ही में गुजरात काडर के आईएएस से विधान परिषद सदस्य बने एके शर्मा को मंत्रिमंडल में बड़ा पद मिलने की सुगबुगाहट जोरों पर है।

बता दें कि मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल के मंत्रिमंडल में कुल 80 मंत्री बने थे, लेकिन इस बार यह आंकड़ा अभी 70 भी क्रॉस नहीं कर सका है।मोदी सरकार ने 2019 में गठित हुई थी तो कुल 54 मंत्री बनाए गए थे, लेकिन अलग-अलग कारणों से एक के बाद एक मंत्रालय खाली होते गए।

केंद्र और उत्तर प्रदेश के  राजनीतिक समीकरण ये स्पष्ट कर रहे है,प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार देखने को मिल सकता है जिसमें यूपी की बड़ी भूमिका रहने वाली है।

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

Related Posts

बरेली के क़ातिलाना हमले में क्यों सुनाई उम्र क़ैद की सज़ा?

द लीडर हिंदी: क़ातिलाना हमले के मामले में उम्र क़ैद की सज़ा उमूमन नहीं होती. ऐसा फ़ैसला बहुत कम केसेज़ में देखने को मिलता है. यूपी के ज़िला बरेली में…

बरेली में वारदात अंजाम देने जा रहे चार बदमाशों को पुलिस ने मुठभेड़ में दबोचा

यूपी में बरेली पुलिस की वारदात की फिराक में निकले बाइक सवार बदमाशों से मुठभेड़ हो गई.