द लीडर हिंदी, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में गोमती नदी के किनारे बने रिवर फ्रंट से जुड़े घोटाले को लेकर सीबीआई ने सूबे के कई जिलों में छापेमारी की है. इतना ही नहीं सीबीआई ने यूपी के अलावा पश्चिम बंगाल और राजस्थान में भी छापेमारी की है.
42 जगहों पर सीबीआई की छापे
अखिलेश यादव के कार्यकाल के दौरान गोमती नदी परियोजना में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए सीबीआई ने नया मामला भी दर्ज किया है. यूपी में 40, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में एक-एक सहित 42 स्थानों पर सीबीआई तलाशी ले रही है.
यह भी पढ़ें: देश में धीमी पड़ी दूसरी लहर, 24 घंटे में मिले 40 हजार से कम नए केस, 723 की मौत
रिवर फ्रंट घोटाले के मामले में CBI की दूसरी FIR
रिवर फ्रंट घोटाले के मामले में यह सीबीआई की दूसरी एफआईआर है. इस केस में कुल 189 आरोपी हैं. यूपी में लखनऊ के अलावा, नोयडा, गाज़ियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा, आगरा में सीबीआई ने छापेमारी की है.
अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट है रिवर फ्रंट
गौरतलब है कि, अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल में लखनऊ में गोमती नदी के तट पर बने रिवर फ्रंट को समाजवादी पार्टी का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया गया था. इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद से ही इसमें बड़े घोटाले के आरोप लगते रहे थे.
यह भी पढ़ें: ‘पूरा देश एक पोल्ट्री फार्म की तरह है, और हम सब मुर्गियां ‘: मौजूदा दौर को बयां करतीं शुभ्रदीप’ की फिल्में
यूपी में योगी सरकार आने के बाद इसकी प्रारंभिक जांच के बाद केस सीबीआई को सौंप दिया गया था. अब सीबीआई इस घोटाले के बड़े जिम्मेदारों पर अपना शिकंजा कस रही है.
1500 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच CBI कर रही
बता दें कि, करीब 1500 करोड़ रुपये के इस घोटाले की जांच फिलहाल सीबीआई कर रही है. प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन टीम इस मामले की जांच कर रही थी. राज्य सरकार ने तीन साल पहले घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की संस्तुति की थी.
यह भी पढ़ें: UP Politics : आप का योगी सरकार पर बड़ा आरोप- मेडिकल उपकरणों की खरीद में हो रहा घोटाला
क्या हैं आरोप
गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों पर कई गंभीर आरोप हैं. इंजीनियरों पर दागी कंपनियों को काम देने, विदेशों से महंगा सामान खरीदने, चैनलाइजेशन के कार्य में घोटाला करने, नेताओं और अधिकारियों के विदेश दौरे में फिजूलखर्ची करने सहित वित्तीय लेन-देन में घोटाला करने और नक्शे के अनुसार कार्य नहीं कराने का आरोप है.