The leader Hindi: भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बुजुर्गों को साधने के लिए एक बड़ी योजना बनाई है। देश के लगभग 13 करोड़ बुजुर्गों (60+) को भाजपा एक ऐसी कड़ी बनाना चाहती है, जो 2019 में जीती हुईं सीटों पर वोट शेयर बढ़ा सके या सीटें जीतने के लिए कम पड़ रहे वोटों की भरपाई कर सके।
भाजपा ने इस प्लानिंग को अंजाम देने के लिए 10 प्रमुख राज्यों पर फोकस किया है, जहां 60 साल से ज्यादा उम्र के 50 लाख से ज्यादा वोटर हैं। ये राज्य राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल हैं।
भाजपा की एक खास वजह है। दरअसल, भाजपा ने अपने पिछले आकलनों में पाया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में इन 10 राज्यों के बुजुर्ग मतदाताओं का वोट पार्टी को 2014 के मुकाबले कम मिला है। यह बात इसलिए अहम हो जाती है, क्योंकि 2014 के मुकाबले 2019 में भाजपा ने ज्यादा सीटें जीती थीं। भाजपा मानकर चल रही है कि इसकी एक वजह थी युवाओं पर विशेष फोकस। इसलिए इस बार बुजुर्गों पर भी विशेष फोकस रखकर रणनीति तैयार की गई है।
बुजुर्गों को दी जाएंगी सुविधाएं
- जो बुजुर्ग अकेले रहते हैं, उनकी सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा
- बुजुर्गों की वित्तीय और सेहत से जुड़ी समस्याओं में भाजपा मदद करेगी
- सरकारी दफ्तरों में बुजुर्गों के काम के लिए कार्यकर्तों की टीम बनाई जाएगी
- बुजुर्गों के लिए विशेष रैलियां निकाली जाएंगी। इसी के साथ सम्मान समारोह भी होंगे।
- घोषणापत्र बनाने से पहले बुजुर्गों की राय ली जाएगी
- बुजुर्गों को पार्टी के संगठनों से भी जोड़ा जाएगा
- बुजुर्गों के जन्मदिन, त्योहारों और शादी की सालगिरह पर विशेष शुभकामनाएं दी जाएंगी
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