द लीडर : बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शराब तस्करी पर घिरी नितीश कुमार सरकार के खिलाफ पूरी शिद्दत के साथ मोर्चा खोल रखा है. तेजस्वी ने कहा कि, ‘अगर मुख्यमंत्री, मंत्री के भाई के परिसर में थाना खोलने में असमर्थ हैं तो 1 अप्रैल को शराबबंदी लागू होने के 5 वर्ष बाद मुख्यमंत्री आवास में ही शराब का ठेका खोल लें. नितीश जी मंत्रियों, विधायकों के आवास और क्षेत्र में भी शराब का ठेका खुलवा दें. क्योंकि ऐसा होने पर मंत्री-विधायक शराब तस्करी नहीं करा सकेंगे औरर राजस्व की हानि बच जाएगी.’ (Bihar Tejashwi Liquor Chief Minister MLA)
अगर नीतीश जी शराब तस्करी में लिप्त मंत्री के भाई के परिसर में थाना खोलने में असहाय/असमर्थ है तो 1 अप्रैल को शराबबंदी लागू होने के 5 वर्ष बाद मुख्यमंत्री आवास में ही शराब का ठेका खोल लें इससे प्रदेश में कम से कम शराब का अवैध कारोबार तो नहीं होगा।मुख्य बिंदुhttps://t.co/xQkpyJqxa4
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) March 17, 2021
बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में तेजस्वी ने ये बातें कहीं. शराबबंदी नियम के तहत जिन लोगों के मकान, दुकान, होटल जब्त कर पुलिस थाना खोला जा चुका है-तेजस्वी ने उन लोगों से गृहमंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ भेदभाव का केस दर्ज कराने का आह्वान कर डाला है. यह पूछते है कि मुख्यमंत्री दोहरी नीति क्यों अपना रहे हैं.
बिहार सरकार में मंत्री रामसूरत राय के भाई हंसलाल राय के स्कूल में शराब पकड़े जाने को लेकर विवाद पैदा हुआ है. तेजस्वी ने सवाल उठाया कि पुलिस ने स्कूल को सील किया है. फिर हंसलाल की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई. स्कूल में थाना क्यों नहीं खोला गया. अगर सप्ताह भर के अंदर स्कूल में थाना नहीं खोला गया तो मुख्यमंत्री आवास का घेरा करेंगे.
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तेजस्वी ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में 13 बिंदु उठाते हुए हैं, जिनके जवाब के साथ कार्रवाई की मांग की है. इससे पहले अपनी 13 मार्च की प्रेस कांफ्रेंस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आरोपी मंत्री और उनके भाई स्कूल संचालक से हुए इकरारनामा के दस्तावेज पेश करें. यदि कोई रेंट एग्रिमेंट हो तो उसे सार्वजनिक किया जाए.
लेकिन मंत्री रामसूरत राय ने मीडिया के सामने ऐसे ही किसी एग्रीमेंट की कुछ लाइनें पढ़कर सुनाई थीं और कहा था कि सोमवार को उसकी कॉपी देंगे. आज 17 मार्च तक उन्होंने एग्रीमेंट के दस्तावेज नहीं दिखाए-क्यों?
तेजस्वी ने क्या सवाल उठाए
शिकायकर्ता के अमरेंद्र कुमार के भाई ने बताया था कि अमरेंद्र ने ही पुलिस को फोन किया था. अमरेंद्र के साथ मंत्री और उनके भाई की सीडीआर भी सार्वजनिक की जाए.
मंत्री ने झूठ बोला कि वह 10 सालों से भाई से नहीं मिले हैं. हमने 2017 की मुलाकात के साक्ष्य दिए हैं. तब वह अलग कहानी गढ़ रहे. मंत्री जैसे गरिमामय पद पर बैठा शख्स कैसे इतना झूठ बोल सकता है? (Bihar Tejashwi Liquor Chief Minister MLA)
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