बरेली का ट्रिपल मर्डर-पुलिस के हत्थे चढ़े मुख्य आरोपी सुरेश प्रधान की हालत नाज़ुक

The Leader. जिस किसी ने बंदूक उठाई और जराइम की दुनिया में क़दम रखा, अंजाम किसी का भी अच्छा नहीं हुआ. चाहे वो फिर डकैत रहे, तस्कर बने या फिर माफिया. इतिहास गवाह है-कोई पुलिस की गोली का निशाना बना तो बहुत से आपस में लड़कर जान से हाथ धो बैठे. इसकी ताज़ा मिसाल सुरेश प्रधान के तौर पर सामने आई है. वो कभी यूपी के ज़िला बरेली की फरीदपुर तहसील में संग्रह अमीन हुआ करता था. अब ट्रिपल मर्डर का मुख्य आरोपी और अस्पताल में उसकी हालत बेहद नाज़ुक बताई जा रही है.


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दरअसल उसे ज़मीनें हथियाने का ऐसा नशा सवार हुआ कि उस पर मर्डर जैसे संगीन मुक़दमे दर्ज होते चले गए. ज़मीन के झगड़ों में उसके तीन भाई महेंद्र, ब्रह्मपाल और नरेश को विरोधियों की गोली का निशाना बनकर जान गंवानी पड़ी लेकिन सुरेश पाल सिंह तोमर उर्फ सुरेश प्रधान खौफ़ का दूसरा नाम बन गया. ख़ुद प्रधान बना और पत्नी व बेटों को भी जहां से लड़ाया, वहां उन्हें चुनौती देने की किसी में हिम्मत नहीं हुई. रायपुर हंस गांव के मूल निवासी सुरेश प्रधान की फरीदपुर थाने में हिस्ट्रीशीट खुली तो वो बदायूं के दातागंज अपनी ननिहाल जाकर सक्रिय हो गया. महान दल के टिकट पर विधानसभा का चुनाव भी लड़ा. बदायूं के बड़े नेताओं से उसके मज़बूत रिश्ते जुड़ते चले गए.


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बरेली में उसकी गतिविधियां थोड़ी ठंडी पड़ गई लेकिन चार दिन पहले रामगंगा की कटरी में जब सरदार परमवीर सिंह के झाले पर ट्रिपल मर्डर हुआ तो उसका रौद्र रूप सामने आया. यहां उसने ज़मीन के झगड़े में साथियों के साथ स्टीमर से आकर फायरिंग की, जिसमें सरदार परमवीर के दो सेवादार परमिंदर सिंह और देवेंद्र जबकि सुरेश प्रधान का एक साथी गुल मुहम्मद गोलू मारा गया. पुलिस इस बड़ी घटना के बाद से सुरेश प्रधान को शिद्दत के साथ तलाश रही थी. अचनाक नाटकीय ढंग से उसे शनिवार की रात में बरेली के सिद्धि विनायक अस्पताल लाया गया. थोड़ी देर बाद पुलिस ने पहुंचकर उसे हिरासत में ले लिया है. कड़े सुरक्षा घेरे में उसका इलाज चल रहा है. हालत बेहद नाज़ुक बताई जा रही है. उसके सिर में गंभीर चोट है. बरेली आने से पहले उसका इलाज मुरादाबाद के एक अस्पताल में गोपनीय ढंग से चल रहा था. वो अस्पताल कौन सा है, यह बताने के लिए अभी कोई तैयार नहीं है.


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एसएसपी अखिलेश कुमार चौरसिया का कहना है कि सुरेश प्रधान के साथ ही उसके दो बेटों विपिन और विकास को भी गिरफ़्तार कर लिया गया है. उसका क़रीबी सूरजपाल और उसके बेटे भी पुलिस के हत्थे चढ़ गए हैं. कुछ और लोगों को पकड़ने के लिए भी पुलिस टीम लगी हुई हैं. पुलिस अब उसके नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने में लग गई है. कटरी में आतंक के एक और अध्याय को पुलिस उसी तरह ख़त्म करने की दहलीज़ पर है, जैसे डकैत कल्लू और उसके साम्राज्य को तहस-नहस किया गया था. वहां 17 साल बाद सुरेश प्रधान ने ख़ूनी इतिहास की नई इबारत लिखकर पुलिस महकमे को हिला देने का काम किया था लेकिन यह उसी के लिए मुसीबत बन गया.

पुलिस ने ट्रिपल मर्डर में 18 नामज़द समेत 10-15 अज्ञात के ख़िलाफ़ संगीन धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया था. इसमें लगातार गिरफ़्तारियां हो रही हैं. सुरेश प्रधान के परिवार में लाइसेंसी असलहा को निरस्त कराने की कार्रवाई भी चल रही है. उसकी संपत्ति को लेकर डिटेल भी निकाली जा रही है. पुलिस के अफसर ऐसी कड़ी कार्रवाई के मूड में है, जो लंबे वक़्त तक क़ानून से खिलवाड़ करने वालों के लिए नज़ीर बन सके. कटरी में अपराध की नहीं, अनाज की ही फसल लहलहाए. ट्रिपल मर्डर से फ़ज़ीहत होने के बाद उसका मुकम्मल इंतज़ाम किया जा रहा है.


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