द लीडर. रुहेलखंड बेल्ट के क़द्दावर नेता आंवला से तीन बार सांसद रहे राजवीर सिंह ने 87 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. नोएडा के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली. वह संसद में भाजपा के टिकट पर पहुंचे लेकिन जिंदगी की आख़िरी सांस तक सपा का झंडा थामे रहे. इसलिए कि मुलायम सिंह यादव (नेताजी) से वायदा कर चुके थे, साथ छोड़कर नहीं जाऊंगा. उनका अंतिम संस्कार गुरुवार को रामगंगा घाट पर साढ़े दस बजे किया जाएगा. (Former MP Rajveer Singh)
मूलरूप से बदायूं में दातागंज के गांव बराही के रहने वाले राजवीर सिंह ने कर्मभूमि के तौर पर बरेली के आंवला को चुना. यहां भमोरा में आकर रहने लगे. भारतीय जनता पार्टी में किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे. लोकसभा का पहला चुनाव आंवला से 1989, दूसरा 1991 और तीसरा चुनाव 1998 में जीता.
भाजपा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी, पूर्व गृहमंत्री लाल कृष्ण अडवाणी और उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के क़रीबी रहे. 2004 में वह समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के साथ आ गए. (Former MP Rajveer Singh)
इसे भी पढ़ें- पीयूष जैन के घर से 200 करोड़ बरामदगी पर अखिलेश यादव का चैलेंज-व्यापारी की फोन कॉल्स डिटेल कराए सरकार
सपा के पूर्व ज़िलाध्यक्ष शुभलेश यादव बताते हैं कि नेताजी ने टिकट देते वक़्त पूछा था कि साथ छोड़कर वापस भाजपा में तो नहीं चले जाओगे, तब राजवीर सिंह ने कहा था कि 30 साल भाजपा में रहा और तीस तक सपा से नहीं जाऊंगा. उन्होंने ऐसा शायद यही सोचकर कहा होगा कि जिंदगी अब तीस साल से कम बची है. वह मरते दम तक सपा में रहे.
तब जबकि भाजपा में वापसी के लिए उन पर काफी दबाव भी रहा. यहां तक कि पुत्र धीरेंद्र सिंह धीरू भाजपा में चले भी गए लेकिन राजवीर सिंह ने आख़री सांस तक अपनी प्रतिज्ञा को पूरा किया. कोरोना होने के बाद से उनकी तबियत काफ़ी खराब रहने लगी थी.
ज़्यादा हालत बिगड़ने पर उन्हें मेदांता ले जाया गया था. उनके निधन की सूचना आने पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ भमोरा स्थित उनके आवास पर इकट्ठा हो गई है. अंतिम संस्कार में कई बड़े नेताओं के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है. (Former MP Rajveer Singh)