द लीडर : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में 100 साल पुरानी गरीब नवाज मस्जिद ढहाए जाने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. स्थानीय उलमा के साथ देशभर के मुसलमान प्रशासन की कार्रवाई को अवैध बताकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठा रहे हैं. दूसरी ओर स्थानीय मस्जिद को अवैध निर्माण ठहराते हुए लगातार कार्रवाई कर रहा है. जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के करीब आठ अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कराया है. इस आरोप में कि बोर्ड की ओर से वक्फ में फर्जीवाड़ा किया गया है.
गरीब नवाज मस्जिद रामसनेही घाट तहसील क्षेत्र में है. जो करीब सौ साल पुरानी है. प्रशासन ने इसे अवैध बताकर नोटिस जारी किया था. तब ये मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने इस पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. लेकिन मस्जिद प्रबंधन का आरोप है कि प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए मस्जिद गिरा दी.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रशासन ने मस्जिद गिराए जाने से पहले कई लोगों को हिरासत में लिया था. इस बुनियाद पर कि वे प्रदर्शन कर सकते हैं. कई रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस के डर से कई ग्रामीण दूसरी जगहों पर चले गए थे. इसलिए कि किसी भी विरोध पर उन्हें कार्रवाई के लिए चेताया गया था.
रामसनेही घाट तहसील प्रांगण की सरकारी संपत्ति पर बने अवैध निर्माण को वर्ष 2019 में कूटरचित तरीके से वक़्फ़ बोर्ड से पंजीकृत करवा कर वक़्फ़ संपत्ति घोषित करवाने के संबंध में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी (सहायक सर्वे आयुक्त, वक़्फ़) द्वारा आज FIR दर्ज करवाई गई। pic.twitter.com/LJ6SIwwIp7
— District Magistrate Barabanki (@BarabankiD) May 20, 2021
इस घटना को लेकर राजनीतिक दलों ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधा है. घटना के बाद कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी ने भी प्रशासन की इस कार्रवाई की निंदा की है. और मस्जिद पुननिर्माण कराए जाने की मांग उठाई है.
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इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के मुताबिक बाराबंकी पहुंचने पर लीग के प्रदेश अध्यक्ष मुहम्मद मतीन खान समेत कई कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया है. मतीन के अलावा भी अन्य लोगों के साथ भी पुलिस सख्ती ीसे पेश आ रही है.
Joint Statement by Religious,Political Leaders and Social Activists to Rebuild Barabanki Masjid and Punish the Guilty Officers who Demolished the Masjid#BarabankiMosque pic.twitter.com/qdatdbb9fI
— SDPI (@sdpofindia) May 21, 2021
एसडीपीआइ ने सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की ओर से एक संयुक्त बयान में दोबारा मस्जिद तामीर कराए जाने की मांग की है. और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की आवाज उठाई है. इसमें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव खालिद सैफुल्लाह रहमानी, मौलाना तौकीर रजा, मौलाना सय्यद सज्जाद नोमानी, सय्यद सरवर चिश्ती समेत देश की बड़ी हस्तियों ने एक सुर में आवाज उठाई है.