‘अज़ान विवाद’ के बीच अजमेर में लाउडस्पीकर पर लगा बैन, किसी भी तरह के झंडे-बैनर लगाने पर भी रोक

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द लीडर | राजस्थान के अजमेर में प्रशासन ने सभी सार्वजनिक और धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के उपयोग पर रोक लगा दी है. प्रशासन का कहना है कि ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए ये निर्णय लिया गया है. अजमेर प्रशासन का ये आदेश शहर में 7 अप्रैल से लागू हो चुका है. इसके साथ ही अजमेर में धार्मिक ध्वजों पर भी पाबन्दी लगा दी गई है. उल्लेखनीय है कि हाल ही में अजान विवाद ने तूल पकड़ा था. माना जा रहा है कि इस फैसले के पीछे का कारण ध्वनि प्रदूषण के अलावा अजान विवाद भी है.

आदेश के अनुसार, कोई व्यक्ति या उनका समूह या प्रतिनिधि किसी भी तरह के धार्मिक या अन्य समारोह के लिए Dj का इस्तेमाल बिना इजाजत के नहीं करेगा. यदि कोई इनका इस्तेमाल करना चाहे तो संबंधित SDM से पहले मंजूरी लेनी होगी. ये इजाजत भी रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक के लिए नहीं मिलेगी. मंजूरी मिलने के बाद ध्वनि प्रदूषण का स्तर ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम 2000 की अनुसूची में निर्धारित स्तर से ज्यादा नहीं हो सकेगा.


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किसी भी तरह के झंडे-बैनर लगाने पर भी रोक

अजमेर जिला प्रशासन ने ये सख्त कदम ध्वनि प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए उठाया है. इसके अलावा जिले में झंडे-बैनर भी नहीं लगाए जा सकेंगे. प्रशासन के इस नए आदेश के अनुसार, जिले में होने वाले धार्मिक आयोजनों में अब सरकारी स्थल, सार्वजनिक जगहों, बिजली व टेलीफोन के खम्बे व किसी व्यक्ति की संपत्ति पर बिना स्वीकृति के किसी भी प्रकार के बैनर या झंडे नहीं लगाए जा सकेंगे और अगर ऐसा किया जाता है तो उस व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

धारा 144 लागू

बता दें कि अजमेर में धारा 144 लागू है. अजमेर एसपी की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि बिना अनुमति के निजी संपत्ति पर भी धार्मिक झंडा नहीं लगाया जा सकता है. इससे लोक शांति भंग होने, कानून-व्यवस्था और सामाजिक सद्भाव के प्रतिकूल स्थिति बन सकती है. प्रशासन के आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी.

करौली में हुई थी हिंसा

आपको बता दें कि हाल ही में राजस्थान के करौली शहर में नवसंवत्सर के मौके पर हिन्दू संगठनों की ओर से निकाली गई बाइक रैली पर पथराव के बाद वहां हिंसा भड़क गई थी. तब से करौली में तनाव का माहौल बना हुआ है. हालांकि अभी शांति है और किसी बी प्रकार के हिंसा की खबर नहीं है.

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