द लीडर हिंदी : लोकसभा चुनाव के लिए यूपी की आठ सीटों पर पर्चा नामज़दगी का आज आख़िरी दिन है. सभी की नज़रें उत्तर प्रदेश के रामपुर पर लगी हैं. जहां सियासी घमासान मचा है.सीतापुर जेल से आज़म ख़ान ने समाजवादी पार्टी में एलान-ए-बग़ावत कर दिया है. यह दोपहर बाद तीन बजे साफ हो जाएगा. मिली जानकारी के मुताबीक आज़म खा़न लोकसभा के चुनाव में रामपुर से कंडीडेट नहीं उतारेंगे.बतादें भले ही आज़म ख़ान बदले हालात में मुक़दमों के शतक का सामना कर रहे हैं. लेकिन वो चुप रह जाने वाले नहीं है.
जब सलाख़ों के पीछे हैं. आपको बता दें सीतापुर जेल से फ़रमान-ए-आज़म रामपुर की समाजवादी पार्टी को मिल गया है. वो रामपुर से आज़म ख़ान का कंडीडेट मैदान में नहीं आएगा. पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव चाहें तो पर्चा भर सकते हैं. आज़म ख़ान यह बात जेल में मिलने पहुंचे अखिलेश यादव से पिछले दिनों कह भी चुके हैं. लेकिन अखिलेश यादव के रुख़ से यह लग नहीं रहा कि वो रामपुर से पर्चा भरेंगे. उनके सामने फ़िलहाल कुएं और खाई वाली स्थिति है. अखिलेश यादव के लिये बड़ी गंभीर स्तिथि बनी है. एक तरफ बीजेपी तो दूसरी तरफ आज़म ख़ान की बग़ावत का सामना है.
आपको बता दें लोकसभा चुनाव के कुछ दिन बाकी है. ऐसे में सियासत का पारा हाई हो चुका है.पहले चरण के चुनाव में नामांकन का आख़िरी दिन बेहद दिलचस्प हो गया है. मोटे तौर पर यह तय है कि आज़म ख़ान की तरफ से उनके हामी पर्चा दाख़िल नहीं करेंगे. ऐसे में सपा मुखिया के पास एक ही रास्ता बचता है वो आज़म ख़ान को मनाएं, जैसा कि इस तरह के मौक़ों पर नेताजी मुलायम सिंह यादव सूझबूझ से काम निकाल लिया करते थे.
समाजवादी पार्टी की इस उटा-पटक पर नज़र रखने वालों का मानना है कि अखिलेश यादव आज़म ख़ान को मनाने की कोशिश नहीं करेंगे. संभावना इसी बात की है कि वो रामपुर से अपना कोई उम्मीदवार उतारें. उसके लिए सपा मुखिया मैनपुरी के पूर्व सांसद एवं लाल प्रसाद यादव के दामाद तेज प्रताप यादव को उतार सकते हैं लेकिन लगता नहीं कि आज़म ख़ान की बग़ावत के बाद वो परिवार से किसी को रामपुर से लड़ाने का जोखिम उठाएं. दिल्ली की एक अहम मस्जिद के इमाम का नाम भी रामपुर से चुनाव लड़ाने को लेकर चर्चा में है.वही तीन बजे तक पत्ते खुल जाएंगे.