लखनऊ | पशुओं के अधिकार के लिए काम करने वाले संगठन पेटा ने अमूल से वीगन मिल्क या पौधों से बनाए जाने वाले दूध के उत्पादन की तरफ बढ़ने को कहा है.
अमूल के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी को एक पत्र में पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल ने कहा कि डेयरी सहकारी सोसाइटी को लोकप्रिय हो रहे वीगन खाद्य और दुग्ध बाजार से फायदा लेना चाहिए.
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लेकिन क्या आपको मालूम है कि क्या होता है वीगन मिल्क? आइए जानते हैं इसके बारे में…
क्या होता है वीगन मिल्क?
वीगन मिल्क पौधों से बनाए जाने वाला दूध है. वीगन मिल्क लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होता है. यह पशुओं से प्राप्त होने वाले दूध से अलग होता है.
प्लांट बेस्ड मिल्क या वीगन मिल्क पौधे आधारित दूध होते हैं, जिसमें शानदार स्वाद और कम मात्रा में फैट पाया जाता है. उदाहरण के दौर पर सोया मिल्क, राइस मिल्क, कोकोनट मिल्क, कैश्यू मिल्क, बादाम का दूध,ओट्स मिल्क आते हैं.
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Peta India ने क्या कहा?
PETA India ने अमूल के मैनेजिंग डायरेक्टर आर. एस. सोढ़ी को पत्र लिखकर कहा था कि उसे वीगन मिल्क प्रोडक्ट्स का उत्पादन करने के बारे में सोचना चाहिए.
को-ओपरेटिव सोसायटी कंपनी अमूल को तेजी से बढ़ रहे वीगन फूड और मिल्क मार्केट का लाभ मिलना चाहिए. PETA India ने अमूल से वीगन मिल्क प्रोडक्ट कंपनी पर शिफ्ट होने का आग्रह किया था.
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उसने कहा था कि अमूल को संसाधन बर्बाद करने के स्थान पर पौधों पर उत्पादों की बढ़ती मांग पर ध्यान देना चाहिए. ये मांग बढ़ ही रही है. अन्य कंपनियां इसका फायदा उठा रही हैं तो अमूल भी उठा सकती है.
अमूल ने दिया ये जवाब
PETA India पर पलटवार करते हुए अमूल के मैनेजिंग डायरेक्टर सोढ़ी ने कहा, ‘‘PETA चाहता है कि अमूल 10 करोड़ गरीब किसानों की आजीविका छीन ले.
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और वह 75 साल में किसानों के साथ मिलकर बनाए अपने सभी संसाधनों को किसी बड़ी एमएनसी कंपनियों द्वारा जेनिटकली मोडिफाई किए गए सोाया उत्पादों के छोड़ दे, वो भी उन कीमतों पर जिसे औसत निम्न मध्यम वर्गीय परिवार खरीदने में भी समक्षम नहीं.
Peta wants Amul to snatch livelihood of 100 mill poor farmers and handover it's all resources built in 75 years with farmers money to market genetically modified Soya of rich MNC at exhorbitant prices ,which average lower middle class can't afford https://t.co/FaJmnCAxdO
— R S Sodhi (@Rssamul) May 28, 2021
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