द लीडर हिंदी, लखनऊ | अफगानिस्तान के मसले पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन पर तीखा हमला किया है. डोनाल्ड ट्रंप ने मौजूदा सरकार की अफगान नीति को फेल करार दिया, साथ ही उन्होंने पूछा कि जो बाइडेन अफगानिस्तान से आतंकियों को अमेरिका तो नहीं ला रहे हैं?
प्रस्ताव में क्या कहा गया ?
वहीं इस बीच, अफगानिस्तान में युद्ध के एक अनुभवी रिपब्लिकन कांग्रेसी माइक वाल्ट्ज ने प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में तालिबान की आतंकी गतिविधि के बारें में सैन्य और खुफिया सलाहकारों की सलाह पर ध्यान नहीं देने के लिए बाइडन की निंदा की गई। वाल्ट्ज ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन ने विश्व मंच पर अमेरिका को शर्मिंदा किया है और हमारे आधुनिक इतिहास में यह सबसे खराब विदेश नीति है।
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वाल्ट्ज ने कहा कि सैन्य नेताओं और सांसदों की सलाह मानने की जगह बाइडन ने अफगानिस्तान में एक मानवीय संकट पैदा कर दिया है। वाल्ट्ज ने आरोप लगाया कि बाइडन ने शर्मनाक तरीके से अफगानों की स्वतंत्रता, अमेरिकी सैन्य उपकरण और बहुमूल्य संसाधनों को तालिबानी आतंकवादियों के हाथों में सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन की अनभिज्ञता और हठ हालात को और बिगाड़ रहे हैं।
‘अमेरिकियों को मरने के लिए छोड़ दिया’
ट्रंप ने कहा, ‘बाइडेन ने अफगान आतंकियों के सामने घुटने टेक दिए हैं। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला कर उन्होंने हजारों अमेरिकियों को मरने के लिए छोड़ दिया। अब हमें पता चला है कि निकाले गए 26,000 लोगों में से केवल चार हजार ही अमेरिकी थे।’ पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा कर चुके तालिबान ने निकासी उड़ानों में सबसे प्रतिभाशाली लोगों को चढ़ने की अनुमति भी नहीं दी।
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उनकी यह टिप्पणी बाइडेन के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा कि 14 अगस्त से अब तक अफगानिस्तान से 70,700 लोगों को निकाला जा चुका है और अफगानिस्तान से लोगों को एयरलिफ्ट कराने का काम जल्द से जल्द पूरा करना होगा, क्योंकि यहां इस्लामिक स्टेट (IS) का खतरा बढ़ रहा है।
31 अगस्त तक निकलेगा अमेरिका
अमेरिका ने ये तय कर लिया है कि 31 अगस्त तक अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से निकाल लेगा। राष्ट्रपति जो बाइडेन पहले ही इसका ऐलान कर चुके हैं और बीते दिन जी-7 की बैठक में भी उन्होंने अमेरिका के प्लान को सबसे सामने रख दिया है। हालांकि, अगर ज़रूरत पड़ती है तो कुछ सैनिकों को 31 अगस्त के बाद तक काबुल एयरपोर्ट पर रोका जा सकता है। लेकिन दूसरी ओर तालिबान (Taliban) ने भी अमेरिका को खुली धमकी दे दी है कि वह 31 अगस्त तक अपने सैनिकों को वापस ले जाए, साथ ही तालिबान ने कहा है कि अमेरिका यहां से अफगानी लोगों को ले जाना बंद कर दे।
अफगान आतंकियों को लेकर जताई आशंका
निकासी अभियान के जरिये आतंकियों के संकटग्रस्त मुल्क से बाहर निकलने की आशंका जताते हुए ट्रंप ने कहा, ‘हम केवल कल्पना कर सकते हैं कि अफगानिस्तान से कितने आतंकियों को हवाई मार्ग से निकाला गया… यह एक भयानक विफलता है। कोई पुनरीक्षण नहीं किया गया। जो बाइडेन जानें कितने आतंकियों को अमेरिका लाएंगे?’
इससे पहले ट्रंप ने अफगानिस्तान में ‘अराजकता’ के लिए बाइडेन को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की थी और यह भी कहा था कि अगर वह सत्ता में रहे होते तो स्थिति अलग होती और अमेरिका, अफगानिस्तान से ‘सफलतापूर्वक’ बाहर निकल गया होता।
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