सऊदी महिला मुक्केबाज तैयार कर रहे अमेरिकी कोच स्टार्क्स

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सऊदी अरब में बॉक्सिंग का चलन बढ़ रहा है। नई पीढ़ी में इसका काफी क्रेज रहा है, लेकिन इसके विकास को प्लेटफॉर्म की कमी खलती रही है। लेकिन अब तस्वीर दूसरी बन रही है। अमेरिकी कोच स्टार्क्स सऊदी महिला मुक्केबाजों को तैयार कर रहे हैं और उम्मीद की जा रही है कि जल्द सऊदी फीमेल बॉक्सिम टीम दुनिया के दूसरे देशों में कमाल करके दिखाएगी। केवल एक साल में स्टार्क्स ने किंगडम में प्रतिस्पर्धी महिला बॉक्सिंग का रंग बदलने में कामयाबी हासिल की है। वह हर गुजरते दिन के साथ भविष्य निखारने में जुटे हुए हैं। (Saudi Women Boxers)

सऊदी स्थित अमेरिकी बॉक्सिंग ट्रेनर ली स्टार्क्स ने बताया, रियाद आने पर मैंने टीकेओ फाइटर्स तैयार किए, जब मुझे पता चला कि महिला फाइटर्स साल में केवल दो ही बार प्रतिस्पर्धा करते हैं। समझा जा सकता है कि इस तरह उन्हें वास्तव में ज्यादा तजुर्बा नहीं मिल सकता था। तब मैंने टीम बनाने का फैसला किया जिससे वे उस अनुभव को हासिल कर सकें, जिसके दम पर सऊदी के बाहर मुकाबले में उतरे सकें।

स्टार्क पिछले 21 वर्षों से बॉक्सिंग कोच हैं, उन्होंने अपने गृह राज्य न्यू जर्सी में युवा फाइटर्स को ट्रेनिंग दी है। उन्होंने शौकिया मुक्केबाजी में उपलब्धियों के तौर पर कई सम्मान मिले हैं, जिसमें 29 चैंपियन तैयार करना शामिल है जो उनकी प्लेनफील्ड बॉक्सिंग अकादमी से निकले। 2009 में उन्हें यूएस नेशनल बॉक्सिंग टीम के लिए कोचों में से एक चुना गया।

तभी से वह अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, अफ्रीका और मध्य पूर्व के कई दूसरे देशों में पेशेवर और शौकिया बॉक्सरों के प्रशिक्षण कर चुके हैं।

स्टार्क्स ने 2021 में किंगडम में पहली महिला बॉक्सिंग टीम टीकेओ फाइटर्स की स्थापना की। उन्होंने इसके लिए चार महत्वाकांक्षी युवा महिला मुक्केबाजों के साथ शुरुआत की और उन्हें रियाद में एक ऐतिहासिक डेब्यू चैंपियनशिप तक पहुंचाया, जो जीसीसी में पहली महिला मुक्केबाजी टूर्नामेंट में से एक है। (Saudi Women Boxers)

उन लड़कियों ने भी मायूस नहीं किया, बल्कि एक स्वर्ण और तीन रजत पदक जीते।

स्टार्क्स बताते हैं, मैंने पहले वियतनाम में बॉक्सिंग की थी, सऊदी अरब से पहले, मैं वहां रहता था। वहां मैंने मॉय थाई और कुछ बॉक्सिंग की। वियतनाम में मेरी पहली बॉक्सिंग फाइट हुई थी। जब यहां आया, तो मैं किसी भी तरह के मार्शल आर्ट की गुंजायश की तलाश में था, क्योंकि बॉक्सिंग के अलावा ताइक्वांडो, कुंगफू में भी मेरा शौक रहा है, और फिर मुझे महिला मुक्केबाजों का ग्रुप मिल गया। आज इस ग्रुप की बदौलत ऐसा माहौल बन गया है कि नए खिलाड़ी TKO फाइटर्स को अहम मुकाम मानते हैं।

हाईस्कूल की छात्रा सलमा फहद कहती हैं, मैंने पांच-छह महीने पहले ही शुरुआत की है, मैं बॉक्सिंग को कक्षा के अलावा ग्रुप के साथ प्रतियोगिताओं में जाकर सीखती हूं।

असल में ग्रुप सदस्यों ने स्टार्क्स से केवल मुक्केबाजी के अनुभव ही नहीं सीखे हैं, बहुत कुछ सीखा है। अधिक प्राप्त किया है। (Saudi Women Boxers)

फाइटर, किकबॉक्सर, बॉडीबिल्डर और फिटनेस इंस्ट्रक्टर सारा अलशाहरानी ने कहा, वह सिर्फ बॉक्सिंग और फाइट ही नहीं सिखाते, बल्कि जिंदगी बारे में बहुत कुछ सिखाते हैं, कि इस तरह हमारी जिंदगी में क्या बदलाव आ सकता है और समाज पर क्या असर होगा। यह वजह है कि हम अपने ख्वाबों के लिएए इतने जज्बाती और अनुशासित हैं। हमेशा ही ऐसा लगता है, जैसे हमने वह पाया है, जिसके बारे में पहले हम नहीं जानते थे।

प्रिंसेस नौराह बिन्त अब्दुल रहमान विश्वविद्यालय में एक नर्सिंग छात्र अथीर अब्दुलअज़ीज़ ने कहा, मैं एक जूडो फाइटर था, जूडो में मेरे पास ब्राउन बेल्ट है। मैंने जिउ-जित्सु चैंपियनशिप में भी भाग लिया और दूसरे स्थान पर रहा। लेकिन अब मैं एक बॉक्सर हूं।

फिजियोथेरेपिस्ट होने के साथ-साथ नाइजीरिया के लागोस में फिटनेस और डांस इंस्ट्रक्टर केसी जॉय के लिए टीकेओ फाइटर्स में शामिल होना बिल्कुल नया अनुभव रहा है। वह बताती हैं, पहले मैं शैडो बॉक्सिंग सीख रही थी, लेकिन यह बिल्कुल वैसा नहीं है। यह वास्तव में अलग तरह का अनुभव है।

स्टार्क्स और उनके ग्रुप का अगला पड़ाव यूरोप है। जून और जुलाई में जर्मनी, स्वीडन और फ्रांस में सऊदी अरब का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक टीम को तैया किया जा रहा है। (Saudi Women Boxers)

Source: Arab News


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