द लीडर हिंदी, लखनऊ | यूपी में इलाहाबाद और फैजाबाद के बाद अब अलीगढ़ का नाम भी बदले जाने की कवायद तेज हो गई है। इस बीच जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में नवनिर्वाचित अध्यक्ष विजय सिंह की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार परिसर में सभी सदस्यों की मौजूदगी में अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ करने का प्रस्ताव पास किया गया है। इसकी रिपोर्ट शासन को भी भेजी गई है।
हरिगढ़ था पुराना नाम
ब्रज प्रांत भाजपा के उपाध्यक्ष श्योराज सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि, बैठक में कई प्रस्ताव आए। सभी का प्रस्ताव था कि, अलीगढ़ का पुराना नाम हरिगढ़ रहा है। ऐसे में सभी समुदाय के लोगों की हमेशा से मांग रही है कि वापस से पुराना नाम ही रखा जाए। जिसके चलते इस नाम का प्रस्ताव करके योगी सरकार को भेजा गया है।
मैनपुरी का नाम बदले जाने का प्रस्ताव
जिला पंचायत की बैठक में नाम बदले जाने का प्रस्ताव रखा गया था। इस प्रस्ताव को जिला पंचायत अध्यक्ष अर्चना भदौरिया ने मंजूर कर लिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मयन ऋषि की पतोभूमि होने की वजह से यहां का नाम मयन पुरी रखा गया था।
लेकिन गलत भाषा के इस्तेमाल की वजह से इसका नाम मैनपुरी पड़ गया। अब एक बार फिर इसे सुधारने की कवायद की जा रही है। मैनपुगरी के औंछा इलाके में च्यवन ऋषि का आश्रम मौजूद है। कहा जाता है कि उन्होंने यहीं पर तपस्या की थी।
विपक्ष सोशल मीडिया पर कर रहा विरोध
इस प्रस्ताव की जानकारी जिले में जंगल में लगी आग की तरह फैल गई। वहीं, जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो नाम परिवर्तन के पक्ष और विपक्ष में बहस शुरू हो गई। मैनपुरी सदर से समाजवादी पार्टी के विधायक राजकुमार यादव फेसबुक पर विरोध जताया है। वह मैनपुरी के नाम बदलने को लेकर काफी खफा नजर आ रहे हैं। वहीं, कुछ लोग मयन नगर नाम को लेकर काफी उत्साहित दिख रहे हैं, तो कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने भी किया था नाम बदलने का प्रयास
असल में अलीगढ़ का नाम बदले जाने की मांग काफी पुरानी है। विश्व हिन्दू परिषद ने साल 2015 में अलीगढ़ में प्रस्ताव पास कर कहा था कि अलीगढ़ का प्राचीन नाम हरिगढ़ ही है। इसे बाद में अलीगढ़ कर दिया गया था, इसलिए इसे अलीगढ़ को हरिगढ़ किया जाना चाहिए। वैसे भी देश और यूपी की सियासत में इस जिले और शहर की अपनी अहमियत रही है। कल्याण सिंह ने साल 1992 में मुख्यमंत्री रहते हुए इसका नाम हरिगढ़ करने कोशिश की थी लेकिन उस वक्त केंद्र में कांग्रेस सरकार थी, इसलिए उनकी कोशिशें परवान नहीं चढ़ सकीं।
विभाग के आला अधिकारी ही शामिल हों
पूर्व जिपं अध्यक्ष सुधीर चौधरी ने कहा कि बोर्ड बैठक में विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी ही प्रतिभाग करें, जिससे सवाल जवाब होने पर सटीक जानकारी मिल सके। ऐसा नहीं होने पर सदन की ओर से कार्यवाही की सिफारिश की जाए।
उन्होंने कहा कि विभागों में आने वाले जिला पंचायत सदस्यों का सम्मान किया जाए। उन्हें पेयजल और चाय की पेशकश करते हुए कुर्सी दी जाए। उनकी बात सुनी जाए। ऐसा नहीं होने पर संबंधित विभाग से इसका कारण पूछा जाएगा।
भ्रष्टाचार की पोल खुल जाएगी
बोर्ड बैठक में पहली बार जनता का मुद्दा उठाते हुए ब्लॉक प्रमुख अकराबाद राहुल सिंह अधिकारियों पर गर्म हो गए। उन्होंने कहा कि नानऊ प्राथमिक स्कूल और बीआसी का भवन जीटी रोड हाईवे से काफी नीचा हो गया है। इसका निर्माण ऊंचा न कराते हुए और नीचा बनाया जा रहा है।
उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर निर्माण में धांधली करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने तेहरामोड़ भिलावली गोपी के 15 किमी रोड की दुर्दशा का भी मुद्दा उठाते हुए कहा कि रोड पर चलना दूभर हो गया है। इस पर अध्यक्ष की ओर से जल्द ही कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया गया।
तीन मिनट में सात प्रस्तावों पर लग गई मुहर
जिला पंचायत की अहम बोर्ड बैठक के सात प्रस्तावों पर मात्र तीन मिनट में ही मुहर लग गई। सदन में किसी भी सदस्य ने प्रस्तावों को लेकर सहमति देने में कोई आपत्ति नहीं जताई।
यह प्रस्ताव हुए पास
– आकस्मिक व्यय नियमावली के तहत पांच हजार रुपये तक के व्यय की स्वीकृति का अधिकार जिला पंचायत अध्यक्ष को दिया गया।
– विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत निर्माण नियमावली 1984 के नियम 26 के तहत 10 हजार से अधिक लागत तक के निर्माण कार्य के ठेके स्वीकृत करने का अधिकार जिला पंचायत अध्यक्ष को दिया गया।
– राज्य वित्त आयोग एवं पंद्रहवें वित्त के अंतर्गत अवशेष धनराशि एवं वर्ष 2021-22 में प्राप्त होने वाली धनराशि से कराए जाने वाले कार्यों के अनुमोदन पर विचार हुआ।
– वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए जिला पंचायत के सम्पत्ति एवं कर निर्धारण पर विचार कराने का प्रस्ताव पास हुआ।
योगी सरकार पहले भी कई नाम बदल चुकी है
योगी सरकार सूबे के कई शहरों के नाम बदल चुकी है, जिसमें इलाहाबाद को प्रयागराज और फैजाबाद को अयोध्या करना शामिल है। जबकि कुछ दिन पहले फिरोजाबाद जिला पंचायत ने जिले का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया था। वहीं, अब अलीगढ़ का नाम बदलने की सियासत तेज हो गई है। हालांकि भाजपा के लोग दावा कर रहे हैं कि पूर्व सीएम कल्याण सिंह का सपना इस बार पूरा होना तय है।