आला हज़रत के उर्स में बवाल पर सज्जादानशीन की चेतावनी-ज़ायरीन पर दर्ज केस वापस लें वरना जेल भरेंगे अक़ीदतमंद

द लीडर : आला हजरत के 103वें उर्से रजवी के आखिरी दिन बैरिकेड लगाकर अकीदतमंदों को रोकने और उससे बिगड़े हालात पर सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने गहरी नाराजगी जाहिर की है. प्रशासन को सख्त लहजे में चेताया है कि, दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें. और बेकूसर जायरीन के खिलाफ दर्ज केस वापस लें. वरना आला हजरत के चाहने वाले बरेली ही नहीं बल्कि देश भर में आंदोलन करेंगे और जेलें भरेंगे. (Ala Hazrat Ahsan Miyan)

मुफ्ती अहसन मियां ने कहा, पहले पुलिस ने बैरिकेेड लगाकर जायरीनों को रोका. उन्हें उकासाया. और बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया. उलमा से अभद्रता की. अब उन्हीं के खिलाफ मुकदमा लिखकर जेल भेजा जा रहा है. घरों पर दबिश देकर आतंकित किया जा रहा है. मरकजे अहले सुन्न इस हरकत को केिसी भी सूरत पर बर्दाश्त नहीं करेगा.

सज्जादानशीन ने ऐसे हालात के लिए जिला प्रशासन की कड़े शब्दों में निंदा की है. ये कहते हुए कि प्रशासन के ढीले रवैये से ही आखिरी दिन जायरीन उर्स में उमड़े हैं. इसमें मेहमानों का कोई कसूर नहीं है. वो इसलिए क्योंकि उर्स के पहले दिन यानी 2 और 3 अक्टूबर को प्रशासन ने भीड़ को आने की इजाजत दे दी. और खामोशी अख्तियार किए रहा. फिर अचानक आखिरी रोज यानी कुल के दिन गुपचुप तरीके से पूरे शहर में नाकाबंदी कर दी. जगह-जगह बैरियर लगाकर जायरीन को रोका गया. (Ala Hazrat Ahsan Miyan)


इसे भी पढ़ें –आला हजरत के उर्स में बवाल मामले में दो गिरफ्तार, 500 पर केस, दरगाह से ऐलान-जायरीन पर जुल्म बर्दाश्त नहीं


 

दूसरी तरफ इस्लामिया मैदान खाली रहा. अगर जायरीन को इस्लामियां तक आने देते, तो विवाद की नौबत ही नहीं आती. न ऐसे हालात पैदा होते. जायरीन भूखे-प्यासे धूप में खड़े रहे. इसके बावजूद उनके साथ अभद्रता की गई.

सज्जादानशीन ने सीओ साद मियां और शहामतगंज चौकी इंचार्ज की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं. इस आरोप के साथ कि जायरीन पर लाठीचार्ज करके शहर को आग में झोंकने और उसका ठीकरा आला हजरत के अकीदतमंदों पर फोड़ने की नापाक कोशिश की गई है. ये जांच का विषय है. जिसने भी साजिश रची है. वो बेनकाब होनी चाहिए.

इसमें दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. और जायरीन पर दर्ज मामले वापस लिए जाएं. अगर ऐसा नहीं हुआ तो आला हजरत के लाखों अकीदतमंद जेल भरने को तैयार हैं. जरूरत पड़ी तो देशव्यापी आंदोलन भी करेंगे.

मुफ्ती असहन मियां ने कहा कि, जिला प्रशासन ने इस साल भी उर्से रजवी में कम संख्या में लोगों के शामिल होने की सहमति दी थी. इसी आधार पर दरगाह से पोस्टर छपवाए गए. ऐलान भी किया गया कि, अकीदतमंद अपने घरों पर ही उर्स मनाएं. लेकिन इसी बीच शासन से एक आदेश जारी हुआ कि शादी ब्याह और दूसरे कार्यक्रमों में सीमित लोगों की उपस्थिति में राहत दी गई है. (Ala Hazrat Ahsan Miyan)

इससे आम लोगों में ये संदेश गया कि उर्से रजवी पहले की तरह होगा. कुछ गैर जिम्मेदारों के बयानों से ये खबर सोशल मीडिया पर आम हो गई. लिहाजा उर्स के पहले दिन भी प्रशासन ने भीड़ रोकने की कोशिश नहीं की. इससे कुल में ज्यादा भीड़ आ गई. सज्जादानशीन के हवाले से दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने ये प्रेसनोट जारी किया है.

इस मामले में पुलिस की ओर से दो लोगों को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि हो चुकी है. एफआइआर की कॉपी भी सामने आई है. लेकिन दरगाह से नाराजगी सामने आने तक प्रशासन का कोई पक्ष सामने नहीं आया है. प्रशासन का पक्ष आने पर उसे खबर में शामिल किया जाएगा.

आपको बता दें कि सोमवार को आला हजरत का कुल था. इसमें हाजिरी के लिए जा रहे अकीदतमंदों को शहामतगंज चौराहे पर रोक दिया गया था. इससे नाराज जायरीन की पुलिस से नोकझोंक हुई और मामला झड़प तक जा पहुंचा था. बाद में पुलिस ने बल प्रयोग करके भीड़ को खदेड़ा था.

आरोप है कि इसी विवाद के बीच किसी ने पत्थर भी फेंक दिए, जो विवाद का कारण बना. इस मामले में पुलिस ने 7 नामजद समेत 400 से 500 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया है. और दो लोगों को हिरासत में लिया है. इसमें शसहर की एक दरगाह के मदरसे के मौलाना दानिश भी शामिल हैं.

इसी को लेकर मंगलवार को दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन की नाराजगी सामने आई है. चूंकि शहामतगंज की घटना को लेकर जायरीन में भी काफी गुस्सा नजर आया था. और वह दरगाह इंतजामियां के समक्ष इसका इजहार भी करते रहे.

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Ateeq Khan

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