अखिलेश यादव का यूपी सरकार पर कोरोना संक्रमण काल में मौत के आंकड़े छुपाने का आरोप

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द लीडर हिंदी, लखनऊ।उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी में लगे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर लगातार हमलावर हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर कोरोना संक्रमण काल में मौत के आंकड़े छुपाने का गंभीर आरोप लगाया है।

अखिलेश यादव ने मंगलवार को सुबह एक ट्वीट से भाजपा पर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से योगी आदित्यनाथ सरकार का बड़ा राज खुला है। बीती 31 मार्च तक कोरोना संक्रमण से उत्तर प्रदेश में मौत का आंकड़ा सरकार के घोषित आंकड़े 43 गुणा अधिक है। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार यह आंकड़ा तो सिर्फ नौ महीने और 24 जिलों का ही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार कोरोना संक्रमण से मृत्यु के आंकड़े नहीं, नाकाम रहने के कारण दरअसल अपना मुंह छुपा रही है।

इससे पहले सोमवार को अखिलेश यादव ने भाजपा पर बड़े घोटाले करने का आरोप लगाया था। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भविष्य की खुशहाली का झूठा सपना दिखाने वाला भाजपा नेतृत्व भी अब समझने लगा है कि अगले विधानसभा चुनाव में उसका सत्ता से बाहर होना तय है। भाजपा राज में बच्चों के खाने पर डाका डाला गया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में उत्तर प्रदेश की बदहाली की इबारत लिख दी गई है। जनता त्रस्त है, कानून व्यवस्था ध्वस्त है। सच तो यह है कि प्रदेश में ऐसी सरकार है, जिसमें न मंत्रियों की सुनवाई है, न ही जनता की। अखिलेश यादव ने कहा कि लोगों का विश्वास खो चुकी भाजपा अब चलते चलाते घोटालों की कमाई में लग गई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस का मुख्यमंत्री का दावा खोखला साबित हुआ है।

अखिलेश यादव ने कहा कि भविष्य की खुशहाली का झूठ दिखाने वाला भाजपा नेतृत्व भी अब समझने लगा है कि अगले विधानसभा चुनाव में उसका सत्ता से बाहर होना तय है। प्रदेश में अब समाजवादी पार्टी की सरकार बनने वाली है, इसलिए हड़बड़ी में डबल इंजन वाले जहां लोकतंत्री व्यवस्थाओं को धता बताते हुए मुख्यमंत्री को ही बनाए रखने का राग अलाप रहे हैं, वहीं पार्टी के अंदर उनके विरोध में स्वर उभरने लगे हैं। दो जिम्मेदार मंत्रियों ने कह दिया है कि चुनाव बाद केंद्र तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा। प्रदेश की राजनीति में यह हास्यास्पद स्थिति है।

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