दरगाह आला हज़रत के प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां के दामाद को ओवैसी ने खटीमा से प्रत्याशी बनाया

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Dargah Ala Hazrat AIMIM
उत्तराखंड के खटीमा में नामांकन कराने जाते सय्यद आसिफ मियां.

द लीडर : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने देवबंद से जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी (Maulana Mahmood Madani) के भतीजे उमैर मदनी के बाद बरेली की मशहूर दरगाह आला हज़रत (Dargah Ala Hazrat) के प्रमुख मौलाना सुब्हान रज़ा ख़ान (सुब्हानी मियां) के दामाद सय्यद आसिफ मियां को चुनाव मैदान में उतारा है. ओवैसी के इस दांव ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है. इसलिए क्योंकि AIMIM ने भारतीय मुसलमानों के दो सबसे बड़े केंद्र-देवबंद और दरगाह आला हज़रत से जुड़े दो शख्सियतों को अपना प्रत्याशी बनाया है. (Dargah Ala Hazrat AIMIM)

सय्यद आसिफ मियां बरेली में रहते हैं. उत्तराखंड के खटीमा में भी उनका आवास है. एआइएमआइएम ने उन्हें खटीमा से अपना उम्मीदवार बनाया है. शुक्रवार को सय्यद आसिफ मियां ने अपना पर्चा भी दाख़िल कर दिया.

आसिफ मियां आला हज़रत के उर्स के प्रभारी भी हैं. यानी उर्स की व्यवस्थाएं वही संभालते हैं. इस बार भी उर्स की जिम्मेदारी उन्हें के पास थी. चूंकि आला हज़रत दरगाह से सीधे तौर पर कोई राजनीतिक ऐलान नहीं होता है. लेकिन जिस तरह से दरगाह प्रमुख के दामाद ही चुनावी मैदान में उतर आए हैं, उससे दरगाह केे राजनीतिक जुड़ाव को अब नकारा नहीं जा सकता. (Dargah Ala Hazrat AIMIM)


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आपको बता दें कि इससे पहले दरगाह आला हज़रत के मौजूदा सज्जादानशीन भी दर्ज़ा राज्यमंत्री रह चुके हैं. समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार में दरगाह के क़रीबी रहे आबिद रज़ा को दर्जा राज्यमंत्री बनाया गया था.

पिछले कुछ दिनों से दरगाह के सियासी इस्तेमाल को लेकर हंगामा बरपा रहता है. ज़मात रज़ा-ए-मुस्तफा, जोकि आला हज़रत द्वारा स्थापित 105 साल पुराना संगठन है. उसके उपाध्यक्ष सलमान मियां, जो काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती असजद मियां के दामाद हैं-पिछले साल उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. इसको लेकर काफी विवाद हुआ था. (Dargah Ala Hazrat AIMIM)

हाल ही में लखनऊ में उनकी एक बैठक को भी राजनीति से जोड़ा गया था. जिस पर आई कि वो बैठक जमात रज़ा-ए-मुस्तफा की थी, जिसमें उलमा शामिल हुए थे. लेकिन अब जब दरगाह प्रमुख के दामाद भी सियासत में उतर आए हैं तो एक बार फिर से सवाल उठ रहे हैं.

बहरहाल, ओवैसी ने यूपी चुनाव को लेकर जो दांव चला है. जिसमें एक ही साथ देवबंद और आला हज़रत घराने को साध लिया, सियासी हल्कों में उसकी चर्चाएं शुरू हो गई हैं. (Dargah Ala Hazrat AIMIM)

 

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