उर्स-ए-ताजुश्शरिया से पहले आला हज़रत की नगरी बरेली में दिखने लगी रौनक़

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The Leader. जानशीन हुज़ूर मुफ़्ती-ए-आज़म हिंद ताजुश्शरिया मुफ़्ती अख़्तर रज़ा ख़ान क़ादरी अज़हरी मियां के दिनी उर्स का आग़ाज़ 26 मई को फज्र की नमाज़ के बाद यूपी के ज़िला बरेली में मुहल्ला सौदागरान स्थित दरगाह पर होगा. ताजुश्शरिया की दरगाह आला हज़रत की दरगाह के बग़ल में ही है. पहले दिन क़ुरान ख़्वानी, नात-ओ-मनक़बत और उसके बाद परचम कुशाई होगी. रात में मथुरापुर स्थित जामियातुर्रज़ा में पहले उलमा-ए-कराम की तक़रीर और उसके बाद मुफ़्ती-ए-आज़म हिंद का क़ुल 1 बजकर 40 मिनट पर होगा.


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अगले दिन यानी 27 मई को फज्र में क़ुरान ख़्वानी के बाद सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर मुफ़स्सिर-ए-आज़म हिंद का क़ुल होगा. शाम तक जामियातुर्रज़ा में ही कार्यक्रमों का सिलसिला चलता रहेगा और शाम 7 बजकर 14 मिनट पर ताजुश्शरिया के क़ुल की महफ़िल सजेगी. पिछली मर्तबा भी ताजुश्शरिया के उर्स में भारी भीड़ उमड़ी थी. इस बार ज़्यादा ज़ायरीन के आने की संभावना को सामने रखकर दरगाह से लेकर ताजुश्शरिया के हाथों में क़ायम मदरसा जामियातुर्रज़ा में इंतज़ाम किए जा रहे हैं. ज़ायरीन को ठहराने का इंतज़ाम भी बड़े पैमाने पर हुआ है. ताजुश्शरिया के चाहने वाले अपने-अपने घरों में ज़ायरीन को ठहराने के बंदोबस्त में लगे हैं.


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उर्स जानशीन ताजुश्शरिया, सज्जादानशीन, क़ाज़ी-ए-हिंदुस्तान मुफ़्ती मुहम्मद असजद रज़ा ख़ान क़ादरी की क़यादत में होगा. जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के उपाध्यक्ष, दामाद क़ाज़ी-ए-हिंदुस्तान सलमान मियां ने बताया कि ज़ायरीन को मथुरापुर तक ले जाने के लिए सिटी स्टेशन पर बसों का इंतज़ाम पहले से ज़्यादा किया गया है. साथ ही प्रशासन से बात करके सड़कों की मरम्मत भी करा रहे हैं. उन्होंने अवाम का आह्वान किया है कि बाहर से आने वाले ज़ायरीन की मेहमाननवाज़ी के फ़राइज़ उसी तरह अंजाम दें, जिसके लिए बरेली को याद किया जाता है. उन्होंने बताया कि इस साल विदेश से ज़ायरीन पहले से ज़्यादा आ रहे हैं. इसके लिए लगातार वो संपर्क भी कर रहे हैं. तैयारियों को जल्द ही प्रशासन के साथ भी मीटिंग की जाएगी.