बस्ती से AAP करेगी चुनावी शंखनाद, महादेवा विधानसभा का दिलचस्प है इतिहास… जो बना विधायक उसकी बनी सकरार

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द लीडर। एक तरफ सभी पार्टियां बस्ती को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिहाज से महत्वपूर्ण मान रहे हैं, बस्ती जिले के महादेवा विधानसभा सीट का इतिहास है कि, इस विधानसभा सीट से जीते प्रत्याशी की पार्टी प्रदेश में अपनी सरकार बनाती है। जिसको लेकर सभी पार्टियां बस्ती से अपनी यात्रा शुरू करने का काम कर रही है। बता दें कि, कल यानि शनिवार को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह बस्ती से मुफ्त बिजली पद यात्रा का शुभारंभ करने आ रहे हैं।


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अगर सरकार बनी तो 24 घंटे मिलेगी बिजली

फिलहाल जिला प्रशासन द्वारा यात्रा को लेकर अभी तक कोई परमिशन नहीं दी गयी है। संजय सिंह आज देर रात जिले में आ जाएंगे और कल सुबह राजकीय इंटर कॉलेज से निकलकर गांधी नगर, कंपनीबाग, कटरा, एसपी ऑफिस लगभग 8 किलोमीटर की पद यात्रा निकाल कर लोगों को अपनी सरकार की योजनाएं गिनाएंगे। इसके साथ ही आप का कहना है कि, उत्तर प्रदेश में अगर उनकी सरकार बनती है तो 300 यूनिट सभी उपभोक्ताओं को मुफ्त दी जाएगी,साथ ही पहली कैबिनेट बैठक के दौरान सभी बकाए माफ किए जाएंगे। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी का ये भी दावा है कि, खेती के लिए मुफ्त बिजुली और 24 घंटे शहर और गांव में बिजली दी जाएगी।

AAP को मिल रहा जनता का समर्थन

वहीं बस्ती पहुंचे प्रदेश उपाध्यक्ष और बस्ती मंडल के जिला प्रभारी काजी इमरान लतीफ ने कहा कि, यहां का जिला प्रशासन ने कल तक परमिशन देने की बात कही है लेकिन जो बनारस की हमारी तिरंगा संकल्प यात्रा निकालनी है उसकी परमिशन नहीं दी गयी है,जब भी हम किसी प्रकार का कार्यक्रम करना चाहते हैं तो हमको परमिशन नहीं दी जाती है। दूसरी पार्टियों से भारतीय जनता पार्टी को कोई समस्या नहीं है,मसला साफ ही है कि, आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश में मुद्दों की राजनीति कर रही है,और जनता का बराबर सहयोग मिल रहा है।


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AAP को किया जा रहा बदनाम

बता दें कि, हाल में ही आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष पर शिवराम नाम के कार्यकर्ता के द्वारा लगाए गये कप्तानगंज विधानसभा से टिकट को लेकर 4 लाख के लगे आरोप को खारिज करते हुए कहा कि, पार्टी का जब विस्तार होता है तो इस प्रकार के इल्जाम लगते है। चुनाव के दौरान इस प्रकार का मामला उठता है और फिर शान्त हो जाता है। आम आदमी पार्टी से उनका कोई वास्ता नहीं है,एक सुनियोजित साजिश के तहत आम आदमी पार्टी को बदनाम करने की साजिश थी किसी भी आरोप में कोई सच्चाई नहीं है।

महादेवा विधानसभा का चुनावी इतिहास

बता दें कि, महादेवा विधानसभा 311 की सीट सुरक्षित सीट है और किंग मेकर वोटरों के तौर पर सबसे अधिक पिछड़ी जाति के है। इसके बाद दलित वोटरों की भूमिका इस विधानसभा के चुनाव में बेहद अहम मानी जाती है। इन्हीं दो जातियों की अधिक भागीदारी की बदौलत इस विधानसभा का विधायक चुना जाता है और उत्तर प्रदेश की विधानसभा में पहुंचकर इन का प्रतिनिधित्व करता है।

वर्ष 2002 में जब सपा से रामकरण आर्य ने इस सीट से विजय हासिल किया था तब उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनी थी। रामकरण ने दूधराम को भारी मतों से हराया था. इसके बाद वर्ष 2007 में बसपा के दूधराम ने सपा के राम करन आर्य को शिकस्त दी थी, तब बसपा की सरकार बनी थी। इसके बाद 2012 विधानसभा चुनाव में सपा के रामकरण आर्य एक बार फिर बसपा के दूध राम को हराया और सपा की सरकार बन गई। वहीं, 2017 में बीजेपी से रवि सोनकर ने सपा के टिकट पर लड़ रहे रामकरण आर्य को हरा दिया और यूपी में बीजेपी सत्ता में आ गई।


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