द लीडर : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) का साल 2020 का रिजल्ट जारी हो गया है. 476 अभ्यर्थी राज्य की विभिन्न सेवाओं में अधिकारी के तौर पर चयनित हुए हैं. जामिया मिल्लिया इस्लामियां विश्वविद्यालय की रेजिडेंशियल कोचिंग की छात्रा संचिता ने यूपीपीएससी परीक्षा में टॉप किया है. और वह एसडीएम बनी हैं.
यूपीपीएससी परीक्षा में इस बार मुस्लिम अभ्यर्थियों का प्रदर्शन थोड़ा निराशाजनक रहा है. तनवीर अहमद 13वीं रैंक के साथ एसडीएम बने हैं. इसी तरह ओबीसी श्रेणी में मुहम्मद अमान 30 रैंक लाकर तो मुहम्मद जफर ईडब्ल्यूएस श्रेणी में 48वीं रैंक के साथ एसडीएम पद के लिए सेलेक्ट हुए हें.
कौन हैं खुदा बख्श, जिनकी लाइब्रेरी तोड़ने के फैसले से खफा पूर्व आइपीएस अमिताभ कुमार ने राष्ट्रपति पदक लौटाया
यूपीपीएससी 2020 की परीक्षा में कुल सात मुस्लिम उम्मीदवारों को सफलता मिली है. रिफत मलिक और सलमान मेराज डायट में सीनियर लेक्चरार के पद पर चयनित हुए हैं. जबकि मुहम्मद नजरे आलम लेबर इंर्फोसमेंट ऑफिसर और बाबर खान चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट ऑफिसर के रूप में सफल हुए हैं.
खास बात ये है कि इस परीक्षा की टॉपर संचिता जामिया कोचिंग की छात्रा रही हैं. ये वही कोचिंग है, जिसे जिहादी के रूप में प्रचारित किया गया था. संचिता की कामयाबी ने इस कोचिंग संस्थान के ऊपर कालिख पोते जाने की कोशिशों को नाकाम किया है.
जामिया बिरादरी को इस कामयाबी की भरपूर बधाई. जामिया की रेज़िडेंशियल कोचिंग एकेडमी (RCA) की संचिता शर्मा ने यूपी पीसीएस की परीक्षा में टॉप किया है. संचिता यूपीएससी मेन्स भी क्वालीफाई कर चुकी हैं.
.
.
.
.
.#upsc #uppcs #sanchitasharma #jpac #jpacjamia #JamiaPatrkaritaAlumniClub pic.twitter.com/cqlbJCq0Fk— Jamia Patrkarita Alumni Club (@jpacjamia) April 13, 2021
संचिता के अलावा तनवीर, दर्शन जैन, अविनाश और जफर भी जामियां कोचिंग के छात्र हैं. इसमें चार एसडीएम पद के लिए चयनित हुए हैं. जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने सफल छात्रों को बधाई दी है.
जब दूसरे धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की सीमा तय नहीं तो निजामुद्दीन मरकज में भी नहीं-हाईकोर्ट ने खारिज की केंद्र की दलील
जामियां रेजिडेंशियल कोचिंग गरीब और मेधावी छात्रों को सिविल सेवा की तैयारी कराती है. संघ लोकसेवा आयोग की परीक्षा में इस कोचिंग का प्रदर्शन शानदार रहता है. इसलिए ये कोचिंग कुछ असामाजिक तत्वों को अखरने लगी थी. हालांकि देश के बुद्धिजीवी वर्ग ने कोचिंग के खिलाफ चलाई गई मुहिम को तीखी आलोचना की थी.