विश्व बंधुत्व के पैरोकार भारत में धार्मिक आधार पर नफरत का एक सुनियोजित सिलसिला चल पड़ा है. राजनीतिक मंचों से मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी आम है. धार्मिक पहचान वाले भी अब खुलेआम घृणा फैलाने में जुट गए हैं. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित डासना के शिव शक्ति धाम में पानी पीने पर आसिफ की पिटाई के बाद से ये सिलसिला रफ्तार पकड़ने लगा है. (FIR Narasimhanand Prophet Hatred Against Muslims)
इसी शिव शक्ति धाम के महंत यति नरसिंहआनंद सरस्वती ने अब पैगंबर-ए-इस्लाम के बारे में अभद्र और अमर्यादित बयानबाजी की है. जिसे लेकर मुस्लिम समाज में नाराजगी है. मुंबई की रजा अकादमी ने नरसिंहआनंद के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है. दिल्ली के विधायक अमानतुल्ला खान समेत विभिन्न राज्यों में नरसिंहआनंद के विरुद्ध तहरीर दी गई हैं.
An FIR was registered today 3rd April 2021 at the Pydhonie Police Station, Mumbai under sections 295(A) 153(A) 505(2) by Raza Academy and TNRF (Board) through Sayed Moin Ashraf Sahab and Saeed Noori Sahab against slanderer Narsinghanand Saraswati#ArrestNarsinghanand pic.twitter.com/GR06e0iqhT
— Raza Academy (@razaacademyho) April 3, 2021
नरसिंहआनंद ने शिव शक्ति धाम के बाहर एक बोर्ड लगा रखा है, जिसमें लिखा है-मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है. यानी मुसलमान मंदिर में दाखिल नहीं हो सकते. आसिफ की पिटाई को नरसिंह ने इसी तर्क के साथ जायज ठहराया था.
पिछले दिनों दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में ”विश्व धर्म संसद” के आयोजन को लेकर नरसिंहआनंद ने एक प्रेस कांफ्रेंस की. जिसमें उन्होंने मुसलमानों के पैगंबर के बारे में अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया. और इसका वीडियो अपने ट्वीटर हैंडल पर अपलोड किया है.
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नरसिंहआनंद के फेसबुक पेज पर जाकर पता लगा है कि मुसलमानों के वो खिलाफ नफरत का पूरा बाजार सजाए बैठे हैं. जिसमें इस्लामिक जिहाद, आतंकद और इस्लाम के खिलाफ अपनी धारणा के मुताबिक पोस्ट लिख रहे हैं. फेसबुक पेज को देखकर कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि वो इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ बोलकर बहुसंख्यक-हिंदु समाज के बीच हीरों बनने के जतन में जुटे हैं. आसिफ की पिटाई और पैगंबर-ए-इस्लाम के बारे में गलतबयानी ये रास्ता आसान करती है.
लेकिन नरसिंआनंद ऐसे पहले महंत नहीं है, जो मुसलानों के खिलाफ इस तरह का जहर उगल रहे हों. उनसे पहले भी कई बाबा और साध्वी ऐसी ही भाषा बोलकर विधानसभा और संसद भी पहुंचे हैं. इसलिए नरसिंहआनंद ने भी अपनी तरक्की के लिए यही आसान रास्ता चुना है.
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नरसिंहआनंद दावा करते हैं कि 2029 तक भारत का प्रधानमंत्री मुस्लिम बनेगा. इसके बाद भारत की स्थिति पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, सीरिया और ईराक से भी बदतर हो जाएगी. करीब सौ करोड़ से अधिक आबादी वाले हिंदू समाज को महज 20 करोड़ की जनसंख्या वाले मुस्लिम समुदाय का ये भय दिखाया जा रहा है. ठीक वैसे-जैसे चुनाव के दौरान मुसलानों का खौफ दिखाया जाता है.
ख्याल रहे कि वर्ष 2020 में डेमोक्रेटिक रैंकिंग में भारत का 53वां स्थान रहा. उसी साल फरवरी में दिल्ली में दंगे भड़के थे. डेमोक्रेटिक इंडेक्स में भारत का लगातार नीचे लुढ़कने के कारणों में अल्पसंख्यकों के साथ बढ़ती ज्यादती भी एक वजह है.