द लीडर : दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने टूलकिट मामले में आरोपी निकिता जैकब और शांतनु मुलुक के खिलाफ किसी तरह की कड़ी कार्रवाई किए जाने की संरक्षण मियाद बढ़ा दी है. इस मामले की अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी. इसके साथ ही कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी सूचीबद्ध कर ली है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने अपने आदेश में कहा कि इस अंतराल में आरोपियों के विरुद्ध कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी. इससे पहले कोर्ट ने शांतनु के संरक्षण की अवधि 9 मार्च तक बढ़ाई थी. (Toolkit Case Nikita Jacob Shantanu Court)
निकिता और शांतनु उस टूलकिट मामले में आरोपी हैं, जिसमें क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवी की गिरफ्तारी हुई थी. दिशा जमानत पर रिहा हो चुकी हैं. जबिक शांतनु और निकिता अग्रिम जमानत के लिए अदालत की शरण में हैं.
दिल्ली पुलिस ने फरवरी में दिशा रवि, निकिता जैकब और शांतनु को टूलकिट एफआइआर में आरोपी बनाया था. इस दावे के साथ कि इन तीनों ने ही स्वीडिश क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग को टूलकिट भेजी थी, जिसे ग्रेटा ने ट्वीट किया था. ये टूलकिट किसान आंदोलन को लेकर थी, जिसमें कथित रूप से देश को बदनाम करने वाली सामग्री थी.
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दिशा रवि की गिरफ्तारी के साथ ही टूलकिट का मुद्दा दुनियाभर में छाया रहा. और दिशा के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा हुई. दिशा को जमानत देते समय कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी.
दरअसल, टूलकिट मामले के तीनों आरोपी, किसान आंदोलन के समर्थक हैं. इस तरह, किसानों के मुद्दे पर उन्होंने सरकार की आलोचना की. 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली गई थी और इसमें हिंसा भड़क गई.
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इसके बाद ग्रेटा थनबर्ग, अमेरिकी पॉप सिंगर रेहाना, अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की भांजी मीना हैरिस समेत अन्य लोगों ने किसानों के समर्थन में ट्वीट किए. ग्रेटा के इसी ट्वीट में कथित रूप से टूलकिट थी, जिसे बाद में उन्होंने डिलीट कर दिया था.
हाईकोर्ट ने लगाई थी निकिता की गिरफ्तारी पर रोक
एफआइआर में नामजद होने के बाद पुलिस निकिता जैकब की गिरफ्तारी के लिए एक्टिव हो गई थी. निकिता बॉम्बे हाईकोर्ट की शरण में गईं. 17 फरवरी को हाईकोर्ट ने निकिता जैकब को गिरफ्तारी से तीन सप्ताह के लिए सुरक्षा दी थी.
कोर्ट में शांतनु का केस वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर और निकिता जैकब का केस वरिष्ठ अधिवक्ता रेबेका देख रही हैं.