वीडियो : अहमदाबाद की आयशा (#Ayesha) जिनके वीडियो ने हर इंसान को हिलाकर रख दिया है. इस सवाल पर कि दहेज की सड़ांध ने समाज को किस कदर मानसिक बीमार बना दिया, जिसमें-हर रोज बहन-बेटियां जान गंवा रही हैं. आयशा की मौत के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इंसानियत के इस स्याह पहलू पर देर से ही सही, थोड़ा ध्यान देना शुरू किया है. दरगाह आला हजरत समेत अन्य संस्थानों से ऐलान हो रहे हैं कि दहेज वाली शादियों में निकाह न पढ़ाया जाए. ये अपील कितनी कारगर होगी और धार्मिक इदारों के मुखिया खुद अपने पैगाम पर कितना अमल करेंगे. ये देखना होगा. बहरहाल, महिलाओं के धार्मिक, कानूनी अधिकार और समाज में उनकी स्थिति को लेकर द लीडर के स्टूडियों में एक सार्थक चर्चा हुई. जिसमें महिला एक्टिविस्ट अध्यक्ष निदा खान, बरेली कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डा. नीलम गुप्ता और जमात-ए-इस्लामी के महिला विंग की मंडल अध्यक्ष आरिफा खातून ने महिलाओं के तमाम बिंदुओं पर चर्चा की. सुनिए उनकी बातचीत. (Relationship Marriage Business Model)