आजम की रिहाई के लिए नहीं, उनकी जौहर यूनिवर्सिटी बचाने को साइकिल चलाएंगे अखिलेश

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वसीम अख्‍तर

द लीडर. कांग्रेस नेताओं और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लेमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी की आजम खान को लेकर खास दिलचस्पी के बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शुक्रवार को रामपुर पहुंच गए. पहले वह सांसद मोहम्मद आजम खां के घर पहुंचकर उनकी पत्नी डॉ. तजीन फातिमा, बेटे और बहू से मिले. बाद में जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचकर वहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स से बात की.

आश्‍वस्‍त किया कि फिक्र नहीं करें, यूनिवर्सिटी की जमीन पर कब्जा रोकने की हम कोशिश करेंगे. यहां प्रेस कांफ्रेंस में ये भी साफ कर दिया कि सपा, आजम खां के साथ थी, है और रहेगी. जौहर यूनिवर्सिटी (Jauhar University) को बचाने के लिए विधानसभा के बजट सत्र बाद साइकिल यात्रा निकालेंगे. वह (अखिलेश) खुद भी साइकिल चलाएंगे. पत्रकारों से बातचीत में वह प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ भी खुलकर बोले. मुख्यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ का नाम लिए बगैर निशाना साधा.

पूर्व मुख्यमंत्री ने आपराध‍िक घटनाओं खासतौर से बदायूं में आंगनवाड़ी कार्यकत्री के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को बहुत ही शर्मनाक बताया. किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार डराने में लगी है. जब किसानों का समर्थन किया तो हमारी फ्लीट नहीं निकलने दी. जबक‍ि हम भी मुख्यमंत्री रहे हैं.

इल्जाम लगाया कि इन्हें आता ही यह है कि ठोक दें. मरवा दें, बुल्डोजर चलवा दें. जिन्होंने जिंदगी भर ठोकना और मारना सीखा हो, उनसे पढ़ाई कि उम्मीद ही नहीं की जा सकती. मुख्यमंत्री की भाषा नहीं देखी, विधानसभा में कहते हैं, ठोक देंगे. इसी का परिणाम है क‍ि यूपी में कितने फेक एनकाउंडर हुए.


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शर्म आना चाहिए सरकार को, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने नोटिस लिया, सरकार से मुआवजा देने के लिए कहा, कस्टोडियन डेथ उप्र में सबसे ज्यादा हैं. यह धर्म को लेकर बात करते हैं. हमारा धर्म, हिंदू धर्म ऐसा नहीं है कि दूसरों को कष्ट दे. हमारा धर्म और किताबें यही कहती हैं कि योगी वही हैं जो दूसरों का दुख, दर्द अपना समझें.

सवाल किया कि क्या यह मुख्यमंत्री ऐसे हैं, जो दूसरों का दुख अपना समझें, बल्कि यह दूसरों को दुख देते हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि हम जौहर यूनिवर्सिटी के इसलिए भी साथ हैं क्‍योंक‍ि आजम खान हमारी पार्टी के नेता हैं. इससे भविष्य बनने वाला है. इसमें अब आजम या उनके परिवार के लोग पढ़ने के लिए थोड़े आएंगे, इसमें आने वाली पीढ़ी पढ़ेगी.


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अगर उनके सपने सरकार तोड़ रही है तो जनता सड़कों पर आएगी. सपा मुखिया ने जौहर यूनिवर्सिटी को बचाने की बात तो कही लेकिन आजम खां को रिहा कराने के प्रयास पर कुछ नहीं बोले. ओवैसी के आजम खां से जेल में मिलने जाने की बात का भी सीधा जवाब नहीं दिया. अखिलेश करीब चार घंटे रामपुर में रुककर यह साबित करने में लगे रहे कि वह और उनकी पार्टी हर तरह से आजम खां के साथ है.

अब जहां तक आजम खां और उनकी पत्नी का सवाल है कि वे इस कवायद से कितने संतुष्ट हैं, इसे लेकर उनका अभी कोई बयान नहीं आ है. हां, अखिलेश के रामपुर पहुंचने से इतना जरूर हुआ कि आजम खां के जेल जाने के बाद पहली बार उनके समर्थकों की इतनी ज्यादा भीड़ सड़कों पर दिखाई दी.