नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब थोड़ी कमजोर पड़ती नजर आ रही है. वहीं मामले कम होने के बाद 1 जून से कई राज्यों में कुछ शर्तों के साथ ढील मिलनी शुरू हो गई है. लेकिन सवाल है कि, दूसरी लहर ने देश को कितना नुकसान पहुंचाया?
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सिर्फ दो महीनों में गईं डेढ़ लाख से ज्यादा जानें
कोरोना की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर कितनी ज्यादा खतरनाक रही.देश में कोरोना से पहली मौत पिछले साल 12 मार्च को हुई थी. तब से लेकर 31 मार्च 2021 तक देश में 1.62 लाख संक्रमितों की जान गई थी. जबकि, सिर्फ अप्रैल और मई के महीने में ही 1.69 लाख से ज्यादा मरीजों ने दम तोड़ दिया.
30 जनवरी 2020 को आया था संक्रमण का पहला मामला
देश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 30 जनवरी 2020 को आया था. उसके बाद से 31 मार्च 2021 तक देश में 1.21 करोड़ मामले सामने आए थे. लेकिन 1 अप्रैल 2021 से लेकर 31 मई 2021 तक देश में 1.60 करोड़ संक्रमित सामने आए. यानी, कोरोनाकाल के 15 महीनों में जितने संक्रमित नहीं मिले, उससे 32% ज्यादा संक्रमित सिर्फ इन दो महीनों में मिले.
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दो महीने में छिनीं सवा दो करोड़ से अधिक नौकरियां
देश के आर्थिक हालात और बेरोजगारी पर नजर रखने वाली एजेंसी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी सीएमआईई का डेटा बताता है कि, दूसरी लहर की वजह से अप्रैल में 73.5 लाख लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा.
जबकि, मई में 1.53 करोड़ लोगों की नौकरियां गईं. कुल मिलाकर 2.26 करोड़ से ज्यादा लोगों को सिर्फ दो महीने में ही नौकरी गंवानी पड़ी है.
जीडीपी को 4-4.5 लाख करोड़ का नुकसान?
कोरोना की दूसरी लहर की वजह से देश की ज्यादातर आर्थिक गतिविधियां प्रभावित रही. इसका सीधा-सीधा असर जीडीपी पर पड़ा. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि, कोरोना की दूसरी लहर को काबू में करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की वजह से अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी को 4 से 4.5 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है.
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दूसरी लहर से महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा नुकसान
इसलिए इस तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 10 से 15% रह सकती है. एसबीआई की रिपोर्ट बताती है कि, दूसरी लहर से सबसे ज्यादा नुकसान महाराष्ट्र को उठाना पड़ सकता है. क्योंकि इसे पहली तिमाही में इसकी जीडीपी में 98 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के नुकसान की आशंका है. दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है, जहां साढ़े 56 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो सकता है.
किस राज्य को कितना नुकसान ?
राज्य अनुमानित नुकसान
महाराष्ट्र 98,006
तमिलनाडु 56712
उत्तर प्रदेश 53,590
गुजरात 46,352
कर्नाटक 41,973
पश्चिम बंगाल 37,252
दिल्ली 29,589
राजस्थान 29,548
तेलंगाना 28,470
मध्य प्रदेश 27,915
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