वॉशिंगटन: ओशिन गेट की 22 फुट लंबी पनडुब्बी टाइटन अटलांटिक सागर में डूब गई। इस पनडुब्बी में सवार सभी पांच लोगों की मौत हो गई हैं। मौत कितनी दर्दनाक होगी, इसका अंदाजा आप और हम बस इस बात से ही लगा सकते हैं कि पांच लोग डूबकर मरे हैं, उनकी लाश तक नहीं मिल सकती है।
अमेरिकी नौसेना के डॉक्टर रहे एक रिटायर्ड ऑफिसर ने बताया है कि इस छोटी सी पनडुब्बी में मौत के आखिरी पल बेहद डरावने रहे होंगे और जो कुछ भी इन डॉक्टर ने बताया है उसे जानकर आपके दिमाग में बनने वाली तस्वीर काफी डरावनी होने वाली है।
यूएस नेवी के रिटायर्ड हाई रैंकिंग डॉक्टर की मानें तो इस पनडुब्बी में सवार पांचों लोगों की मौत सिर्फ कुछ मिलीसेकेंड्स में ही हो गई होगी। पनडुब्बी का मलबा टाइटैनिक जहाज के मलबे से 1600 फीट की दूरी पर मिला है। इस पनडुब्बी के अंदर यात्री कुचल गए होंगे। इन लोगों ने ऐसी कल्पना भी नहीं की होगी कि उन्हें ऐसी मौत मिलेगी। गुरुवार को समुद्र की सतह से लगभग दो मील नीचे गहरे समुद्र में मौजूद एक रोबोट ने टूटे हुए पनडुब्बी के बड़े टुकड़ों को देखा था और मलबे की खोज से पता चलता है। कि रविवार को टाइटैनिक जहाज के मलबे से नीचे उतरते समय ही सबमर्सिबल में एक भयानक विस्फोट हो गया था।
डेली मेल ने अमेरिकी नौसेना के साथ काम कर चुके अंडर सी मेडिसिन एंड रेडिएशन हेल्थ के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर डेल मोले के हवाले से मौत के आखिरी पलों के बारे में बताया उन्होंने कहा कि टाइटन क्रू ने अपने दुखद अंतिम क्षणों में क्या-क्या अनुभव किया होगा। मोले के मुताबिक यह सब इतना अचानक हुआ होगा कि उन्हें पता भी नहीं चला होगा कि कहीं कोई समस्या थी या फिर उनके साथ क्या हुआ है या हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘यह ऐसा ही है जैसे आप वहां पर एक मिनट रुके और फिर स्विच बंद कर दिया गया। एक मिलीसेकंड के लिए आप जिंदा हैं और अगले ही मिलीसेकंड में आप मर चुके होंगें।’
डॉ. मोले ने पनडुब्बी में हुए विस्फोट की तुलना गुब्बारे के बहुत अधिक फूलने पर उसके फटने से की है। उन्होंने यह भी बताया इस विस्फोट में उनके शायद टुकड़े-टुकड़े हो गए होंगे। उनके शब्दों में, ‘ इम्प्लोशन (अंत: विस्फोट) तब होता है जब दबाव की लहर अंदर की ओर होती है, जबकि एक्सप्लोजन (विस्फोट) तब होता है जब दबाव की लहर या शॉक वेव किसी भी बाहरी स्त्रोत से आ रही होती हैं।’ उन्होंने आगे कहा, जब कोई खाली सोडा कैन पर खड़ा होता है तो यह आपके वजन को संभाल लेती है लेकिन अगर आप किनारों पर दबाव डालेंगे तो कैन तुरंत ही ढह जाएगी।’
उनका कहना था कि सबमर्सिबल को पानी के अंदर मौजूद दबाव को झेलने के लिए डिजाइन किया गया है। वहां सतह से 12,500 फीट नीचे जहां दबाव समुद्र तल से करीब 400 गुना ज्यादा दबाव होता है। मोले ने कहा है कि प्रेशर हल यानी दबाव पतवार वह जगह है जहां पर ये सभी लोग बैठे होंगे। उनके मुताबिक ऐसा लगता है जैसे ही वे नीचे तक पहुंचे वैसे ही पनडुब्बी फट गई।