The Leader. यूपी के ज़िला बरेली में अब से 20 दिन पहले क़त्ल की सनसनीख़ेज़ वारदात हुई थी. प्रेमनगर थाने में लल्ला मार्केट के पास घर में अकेली रहने वाली बुज़ुर्ग महिला फ़रीदा बेगम का शव मिला था. उनके सिर से ख़ून बह रहा था. पुलिस ने क़त्ल का मुक़दमा तो दर्ज कर लिया लेकिन गुत्थी खोलने में उलझ गई. सीसीटीवी देखकर राज़ खोलने की कोशिश की, पर सफलता नहीं मिली. बुज़ुर्ग महिला के पास क़त्ल से पहले एक ही शख़्स गया था और वो उनका अपना बेटा. जिसे उन्होंने गोद लेकर पाला था, क्योंकि उनकी अपनी कोई औलाद नहीं थी.
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शौहर की अच्छी ख़ासी प्रापर्टी है. लल्ला मार्केट में ही कई दुकानें हैं, जो किराये पर दी हुई हैं. फ़रीदा बेगम के पिता इंतज़ार हुसैन पोस्टमास्टर और भाई इफ़्तेख़ार बेग रिटायर्ड पीसीएस अफसर थे. पिता की प्रापर्टी में भी मृतिका का हिस्सा था. यह गोद लेकर पाले बेटे अफ़सर ख़ान उर्फ लकी को मिलने जा रहा था लेकिन लकी ने ख़ुद को अनलकी साबित कर दिया. बक़ौल पुलिस लकी ने अपनी मां से बुलट मोटर साइकिल दिलाने की मांग की थी. मना करने पर ही उसने ग़ुस्से में आकर उनके सिर पर लोहे के सरिये से वार किया और जब उनकी सांसें थम गईं तो वो अपने घर चला गया था. बाद जब पुलिस ने लाश बरामद कर ली तो अफ़सर उर्फ लकी ने ही क़त्ल का मुक़दमा दर्ज कराया.
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पुलिस को उस पर शक तो था लेकिन कोई सुबूत हाथ नहीं लग रहा था. तब पुलिस ने उससे और उसके दोस्तों से सख़्ती के साथ पूछताछ की. यह पता लगा लिया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का जो समय सामने आया है, उस दौरान फ़रीदा बेगम के पास लकी के अलावा कोई दूसरा नहीं गया है. यहीं से पुलिस को इस उलझे क़त्ल को खोलने की दिशा में आगे बढ़ी. उसने वो आला-ए-क़त्ल भी बरामद कर लिया, जिसे नाले में फेंक दिया गया था. ख़ैर सब्र का फल मीठा होता है, यह नसीहत बहुत काम की है लेकिन अफसर उर्फ लकी ने बेसब्री करके एक बुलट के सबब करोड़ों की प्रापर्टी गंवाने का काम कर दिया, जो उसे मिलने जा रही थी.
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