जकात इस्लाम के पांच प्रमुख स्तंभों में से एक है। ज़कात एक दान है, लेकिन वास्तव में इसका हकदार कौन है? इस शब्द की परिभाषा चैरिटी कर गरीबी-अमीरी की खाई को पाटने में मदद करना है, जिससे समाज में संतुलन बने। इस तरह गरीबों को बुनियादी जरूरतें पूरी करने में मदद मिलती है। (People Can Given Zakat)
लेकिन जकात को मनमाने तरह से नहीं दिया जा सकता, इस्लाम ने ज़कात देने के नियमों और शर्तों को परिभाषित किया है। इस रोशनी में जकात के हकदार आठ तरह के लोग बनते हैं।
जकात के हकदार
1. मजबूर मुसाफिर
ज़कात उन लोगों को दी जा सकती है जो विदेशी देश में अकेले रह गए हैं और खाने या रहने के लिए जेब में पैसा नहीं है। अपने देश में रहने वाले शरणार्थियों को भी दे सकते हैं (केवल जिन्हें पैसे की ज़रूरत है और वास्तव में कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है)।
2. अल्लाह की राह पर चलने वाले
यह उन लोगों को दिया जा सकता है जो अल्लाह के रास्ते पर संघर्ष कर रहे हैं, जो मुफ्त कुरान का प्रचार कर रहे हैं और मुफ्त में ज्ञान फैला रहे हैं, उन्हें जकात दे सकते हैं। (People Can Given Zakat)
3. देनदार
ऐसे लोग जो कर्ज के बोझ से दबे हुए हैं और इसे चुकाए बगैर कहीं नहीं जा सकते, उन्हें कर्ज चुकाने में मदद करने के लिए जकात दे सकते हैं। लेकिन यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उन्होंने उधार लिया पैसा हलाल काम के लिए इस्तेमाल किया है।
4. बंदी मुक्ति
जकात के धन का इस्तेमाल किसी भी दास या बंदी को मुक्त करने के लिए कर सकते हैं।
5. नए मुसलमान
अगर कोई इस्लाम स्वीकार करता है और जरूरतमंद है तो वह जकात हासिल करने का हकदार है।
6. एनजीओ
कई गैर-सरकारी संगठन हैं जो जकात को स्वीकार करते हैं, यदि संगठन भरोसेमंद है और मानते हैं कि जकात का पैसा सही हाथ तक पहुंचेगा तो एनजीओ को देने में कोई बुराई नहीं है। (People Can Given Zakat)
7. मिसकीन
मिसकीन का अर्थ है बेहद गरीब, जिनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है और वे दिन में मुश्किल से तीन बार का खाना जुटा पाते हैं। वे जकात के खासे हकदार हैं।
8. फुकरा
फुकरा का मतलब उन लोगों से है जो सड़कों पर रहते हैं और उनके पास खुद का पेट भरने के भी कोई साधन नहीं है।