लखनऊ से चली 2 किलोमीटर लंबी मालगाड़ी, एक ट्रेन में 126 माल ड‍िब्‍बे देख चौंक गए लोग

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द लीडर | रेलवे प्रशासन ने पहली बार दो किलोमीटर लंबी मालगाड़ी का संचालन किया। इसका नाम शेषनाग ट्रेन रखा गया है। सात घंटे में ट्रेन लखनऊ से मुरादाबाद पहुंच गई। रेलवे मंडल प्रशासन लगातार कम समय में अधिक से अधिक मालगाड़ी चलाने का प्रयास कर रहा है। अभी तक दो मालगाड़ी को जोड़कर चलाया जाता था। पहली बार लखनऊ से अंबाला के लिए तीन मालगाड़ी को जोड़कर बुधवार को चलाया गया। इसमें 126 मालगाड़ी के खाली डिब्बे, तीन गार्ड की बोगी, तीन विद्युत इंजन लगा हुआ था। इसकी लंबाई दो किलोमीटर थी।

ट्रेन के बारे में पूरी जानकारी

रेल प्रशासन ने इस मालगाड़ी का नाम शेषनाग ट्रेन रखा है। रेलवे अधिकारियों ने बिना रुके मालगाड़ी को चलाने के लिए रास्ते के सभी स्टेशन मास्टर, गेट मैन को सतर्क कर दिया था। एक स्टेशन से दो किलोमीटर लंबी मालगाड़ी के चलते ही दो स्टेशन के सिग्नल डाउन कर द‍िए जाते थे। रेल फाटक बंद कर दिया जाता था। यह ट्रेन औसत 70 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही थी। चालक टीम ने शाम 5:11 बजे मालगाड़ी को पहुंचा दिया। यानी लखनऊ से मुरादाबाद 7:06 घंटे में पहुंच गई। जबकि मालागड़ी लखनऊ से मुरादाबाद औसत छह घंटे में पहुंचती है।

मुरादाबाद स्टेशन पर चालक व गार्ड बदलने के बाद शाम 5.18 बजे सहारनपुर के लिए चलाई गई। यह मालगाड़ी सहानपुर रात दस बजे पहुंच गई। सहारनपुर से अंबाला के लिए मालगाड़ी को अंबाला रेल मंडल द्वारा चलाया जाएगा। इस मालगाड़ी के संचालन पर रेलवे अधिकारी लगातार नजर रखे हुए थे। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधीर सिंह ने बताया कि शेषनाग ट्रेन को मुरादाबाद रेल मंडल से सफलता पूर्वक चलाया संचालन किया गया।


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शेषनाग मालगाड़ी ट्रेन क्या है?

लखनऊ-मुरादाबाद-अंबाला रूट पर मालगाड़ियों का जबरदस्त लोड है। इसे कम करने के लिए रेलवे बोर्ड ने मिशन शेषनाग की शुरुआत की है। बुधवार को लखनऊ-मुरादाबाद-अंबाला तक शेषनाग मालगाड़ी ट्रेन का ट्रायल लिया गया, जो बेहद सफल रहा। शेषनाग को लखनऊ के चारबाग यार्ड से सुबह 9:32 बजे रवाना किया गया था। दो किमी. लंबी मालगाड़ी के लिए बीच में किसी भी स्टेशन पर लूप लाइन नहीं है। ऐसे में शेषनाग के संचालन से पहले इसका टाइम टेबल भी तय किया गया।

लंबाई लगभग 2 किमी 

उत्तर रेलवे के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक जगतोष शुक्ला ने बताया, इस मालगाड़ी में 126 माल डिब्बे, 3 विद्युत इंजन, लगे हुए हैं। इसकी लंबाई लगभग 2 किलोमीटर के बीच है।

अंबाला मंडल में होगी खाद्यान की लोडिंग 

सीनियर डीसीएम सुधीर सिंह ने बताया कि समय, संसाधन और ट्रैफिक की बचत के उद्देश्य से रेलवे ने इस मालगाड़ी को चलाया है। आलमबाग से सहारनपुर तक मालगाड़ी खाली चलाई गई। इसके बाद इसे अंबाला मंडल को सौंप दिया गया। वहां से इसमें खाद्यान की लोडिंग होनी है।


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शेषनाग मालगाड़ी ट्रेन की खासियतें 

दो किलोमीटर लंबी मालगाड़ी।

लखनऊ मुरादाबाद अंबाला तक सफर।

126 मालगाड़ी डिब्बे।

तीन गार्ड की बोगी।

तीन विद्युत इंजन कुल लंबाई दो किलोमीटर।

ट्रेन की रफ्तार औसत 70 किलोमीटर प्रतिघंटा।

मुरादाबाद स्टेशन पर चालक व गार्ड का बदलाव।

मालगाड़ी का वजन तकरीबन 20 हजार टन।

अहम जिम्मेदारी निभाई 

डीआरएम सुरेश कुमार सपरा मिशन शेषनाग की खुद मॉनीटरिंग कर रहे थे। शेषनाग को वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक केके रोरा व स्टेशन निदेशक सुदीप सिंह के साथ उनकी ऑपरेटिंग की टीम ने तैयार किया। एडीआरएम ऑपरेशन अश्वनी श्रीवास्तव ने लखनऊ से मुरादाबाद होकर अंबाला तक बिना किसी बाधा के शेषनाग को दौड़ाने की अहम जिम्मेदारी निभाई।


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