द लीडर : संसद के मानसून सत्र के बीच दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान संसद जारी है. शुक्रवार को 16 विपक्षी दलों के सांसदों ने पार्लियामेंट छोड़कर किसान संसद में हिस्सा लिया. इसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी रहे. मानसून सत्र की शुरुआत से पहले ही किसानों ने सांसदों के लिए एक व्हिप जारी किया था. इस निर्देश के साथ कि वे तीनों कृषि कानून रद करने और एमएसपी की गारंटी का मुद्दा सदन में उठाएं. इसे भी पढ़ें – सुनो माननीय सांसदों! किसानों ने आपके लिए जारी किया यह ‘हुक्म’ (Farmers Parliament Opposition MP)
शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, आरजेडी सांसद मनोझ झा, शिवसेना के संजय राउत, मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा अन्य दलों के एमपी किसान संसद में पहुंचे. विपक्षी नेताओं ने तीनों कृषि कानून रद किए जाने और एमएसपी की गारंटी की, किसानों की मांग का समर्थन किया. और उनके साथ विरोध-प्रदर्शन किया.
केंद्र सरकार ने पिछले साल तीन नए कृषि कानून पारित किए थे. तभी से इस पर किसान आंदोलन जारी है. हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हैं. उनकी एक ही मांग है, कि सरकार कानून रद करे और एमसपी की गारंटी दे.
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विपक्ष संसद में कृषि कानूनों का मुद्दा उठा रहा है. लेकिन चर्चा और सरकार के जवाब से असंतुष्ट है. और इसके विरोध स्वरूप विपक्षी नेता किसान संसद में जा पहुंचे. किसानों के साथ सड़क पर उतरे विपक्ष के इस कदम से सरकार चौतरफा घिरती दिख रही है. (Farmers Parliament Opposition MP)
संसद सत्र के बीच ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी पार्लियामेंट के बाहर कृषि कानूनों पर अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं. वह कृषि कानून वापस लिए जाने का पोस्टर लेकर खड़े हुए थे.
पांच राज्यों में चुनाव से विपक्षी एकजुटता
अगले साल 2022 में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. किसान ऐलान कर चुके हैं कि वे चुनावों में जनता के बीच जाएंगे. और सरकार की नीतियों पर प्रचार करेंगे. इससे हिंदी पट्टी राज्यों में सत्तारूढ़ बीजीपे की चुनौती बढ़ सकती है.
किसान नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, डॉ. दर्शनपाल सिंह ने पिछले महीने लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस की थी. जिसमें लखनऊ में भी दिल्ली की तरह घेराबंदी किए जाने की भविष्य की योजना का जिक्र किया था.
किसानों के इस संकेत केे बाद बीजीपे के अधिकारिक ट्वीटर हैंडल से एक कैरिकेचर जारी किया था. जिसमें अप्रत्यक्ष रूप से किसानों को यूपी में न घुसने की चुनौती दी गई थी.
बिखरे हुए विपक्ष को कौन ला रहा करीब
क्षेत्रीय और निजी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को लेकर विपक्ष में बिखराव रहा है. लेकिन बंगाल चुनाव के बाद से इसे एकसाथ लाने की कोशिशें तेजी से परवान चढ़ती नजर आ रही हैं. राजनीतिक प्रबंधक प्रशांत किशोर की मुंबई में एनसीपी के मुखिया शरद पवार से मुलाकात इसमें अहम मानी जा रही है.
चर्चा यहां तक है कि प्रशांत कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. अभी वह पंजाब की कांग्रेस की अमरिंदर सरकार के चुनावी सलाहकार की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं. (Farmers Parliament Opposition MP)
पार्लियामेंट छोड़कर किसान संसद में विपक्ष.#FarmersParliament #FarmersProtests pic.twitter.com/g9xd08w9um
— The Leader Hindi (@TheLeaderHindi) August 6, 2021
हाल ही में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी दलों से मुलाकात करके लौटी हैं.
इधर शरद पवार ने बिहार के पूर्व सीएम और आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मीटिंग की. बाद में लालू प्रसाद यादव सपा के संस्थापक और पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव से मिले. ये सभी मुलाकातें विपक्षी एकजुटता के संदर्भ में देखी जा रही हैं. (Farmers Parliament Opposition MP)