#FarmersProtest: प्रधानमंत्री ने उस राष्ट्र को संबोधित किया, जिसमें खेत खलिहान नहीं: आंदोलनकारी किसान

0
312
Misconceptions New Agricultural Laws

हरियाणा के टोहाना में आंदोलन की जीत के उत्साह से लबरेज किसान आंदोलन नए उफान पर आने की तैयारी में है। दिल्ली की सीमाओं पर अलग-अलग राज्यों से जत्थों का आना जारी है। आज हरियाणा और तेलंगाना से बड़े जत्थे पहुंचे। हरियाणा के कई युवा किसान आज RKMS बैनर के तले प्रदर्शन स्थलों पर शामिल हुए। किसान नेता अभिमन्यु कोहर के नेतृत्व में कारों और बाइकों के साथ एक काफिला सिंघु बॉर्डर पहुंचा।

नए कृषि कानूनों से खफा किसानों ने प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम ताजा संबाेधन को निरंकुश करार दिया। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने कल राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहीं भी तीनों कृषि कानूनों और देश में चल रहे किसान आंदोलन का जिक्र तक नहीं किया। जबकि आंदोलन में अब 500 से ज्यादा किसान साथी शहीद हो चुके हैं। वे शायद एक ऐसे राष्ट्र को संबाेधित कर रहे थे, जहां न किसान हैं और न खेत-खलिहान। जहां एक तरफ देश का किसान बाजार में मिल रही कम कीमतों के कारण भारी नुकसान उठा रहा है, दिक्कत में है, वहीं सरकार सिर्फ और सिर्फ अपने अहंकार के कारण आंदोलन को लंबा खींच रही है।

किसान मोर्चा की ओर से आज जारी बयान में दावा किया गया कि पंजाब में मक्के की एमएसपी 1850 रुपए प्रति क्विंटल घोषित है लेकिन किसान को सिर्फ 700 से 800 रुपये प्रति क्विंटल ही मिल रहा है। यह उनकी लागत मूल्य तक को भी कवर नहीं करता है। अन्य चीज़ो के साथ डीजल की कीमतों में वृद्धि अभी भी जारी है।

इस तरह की स्थिति में कैसे एक किसान परिवार किसानी पर निर्भर रह पाएगा है, अपना जीवन निर्वाह करेगा? प्रश्न यह भी है कि ऐसी स्थिति में सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के अपने वादे को कैसे पूरा करेगी? यही वजह है कि संयुक्त किसान मोर्चा सभी फसलों और किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी के लिए तत्काल एक कानून की मांग कर रहा है, ताकि फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित किया जा सके।

किसान नेताओं ने बताया कि किसान आंदोलन के ‘टोहाना प्रकरण’ में आज सुबह मक्खन सिंह को रिहाई मिल गई। कुछ तकनीकी कारणों के कारण उन्हें कल रात रिहा नहीं किया गया था, हालांकि यह उम्मीद की जा रही थी कि कल शाम टोहाना पुलिस स्टेशन में विरोध प्रदर्शन बंद होने पर वह बाहर आएंगे। मक्खन सिंह की रिहाई के साथ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपने तीनों गिरफ्तार साथियों को रिहा करा लिया है।

उन्होंने कहा, ”टोहाना और उससे पहले हिसार में शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे किसान की जीत ने आंदोलन को मजबूत करने का काम किया है। टोहाना प्रकरण ने एक बार फिर धार्मिक और जातिगत रेखाओं से ऊपर उठ कर किसानों की एकता और सामूहिक ताकत का उदाहरण दिया है। इसने आंदोलन के मजबूत नेतृत्व को भी दिखाने का काम किया है।

इस संघर्ष में हरियाणा के किसानों को पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसानों का भी समर्थन था। बीते दिनों में किसी पुलिस थाने में यह शायद सबसे अधिक संख्या में किया गया प्रदर्शन रहा है। हरियाणा पुलिस और निर्वाचित नेताओं के निरंकुश व्यवहार को किसान आंदोलन एक ठोस चुनौती देने में सक्षम रहा।”

किसान मोर्चा ने आरोप लगाया कि सरकार न केवल देश में चल रहे किसान आंदोलन को बल्कि उसके समर्थकों की आवाज को भी दबाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार के आदेशों पर ट्विटर ने पंजाबी-कनेडियन सिंगर जैज़ी बी का ट्विटर अकाउंट ब्लॉक कर दिया है, वे किसान आंदोलन के प्रबल समर्थक रहे हैं।

यह पहली बार नहीं है कि सरकार इस रणनीति का प्रयास कर रही है। सरकार को इस तरह अलोकतांत्रिक रूप से विरोध की आवाज को दबाने के बजाय किसानों की मांगो को जल्द मान लेना चाहिए। संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार को चेताया कि किसान आंदोलन की बढ़ती ताकत को रोकने के लिए सरकार कोई अवैध व नासमझी भरे कदम न उठाए।

किसान नेताओं ने कहा, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में 2017 के बाद से किसानों के विरोध में पांच गुना वृद्धि हुई है। सीएसई के अनुसार इन विरोधों का मुख्य कारण बाजार की विफलता और किसानों के लिए लाभकारी या उचित मूल्य की कमी है।

सरकार को तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की किसानों की मांगों को जल्द से जल्द मानना चाहिए और सभी किसानों के लिए लाभकारी एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए एक नया कानून जल्द से जल्द बनाना चाहिए।


यह भी पढ़ें: #FarmersProtest: टोहाना में जीते किसान, आंदोलन समाप्त करने का ऐलान


(आप हमें फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here