विध्वंस की कगार पर यमन: अमेरिका ने UAE भेजे युद्धपोत और लड़ाकू विमान

0
554

बरसों से जंग के चलते चकनाचूर हो चुके यमन में विध्वंस के नए आसार नजर आ रहे हैं। बीस साल की जंग अफगानिस्तान में लड़कर उल्टे पांव लौटा अमेरिका यूएई की हिफाजत के नाम पर युद्धपोत और लड़ाकू विमानों की खेप रवाना कर चुका है। अमेरिकी बयान में बुधवार को कहा गया कि यमन के हूती विद्रोहियों के सिलसिलेवार मिसाइल हमलों के बाद संयुक्त अरब अमीरात की रक्षा में मदद करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका विध्वंसक गाइडेड मिसाइल और अत्याधुनिक लड़ाकू जेट तैनात करेगा। (US Sends Warship UAE)

यूएई में अमेरिकी दूतावास, रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल-नाहयान के बीच एक फोन कॉल के बाद, “मौजूदा खतरे के खिलाफ यूएई की मदद” के लिए तैनाती की बात हुई।

बयान में कहा गया है कि गाइडेड मिसाइल यूएई नौसेना के साथ जोड़ी जाएगी और अबू धाबी में एक बंदरगाह को भी कवर किया जाएगा। अमेरिका फिफ्थ जेनरेशन के लड़ाकू विमानों को भी तैनात करेगा।

अन्य कार्रवाइयों में “प्रारंभिक खुफिया अलर्ट जारी रखना” भी शामिल है।

यमन में वैधता बहाल करने के लिए कथित ईरान समर्थित हूती विद्राहियों से लड़ने वाले गठबंधन का हिस्सा संयुक्त अरब अमीरात को सोमवार को लगातार हफ्तों में अपने तीसरे मिसाइल हमले का सामना करना पड़ा।

बयान में कहा गया है कि अमेरिका, सऊदी नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन का समर्थक होने के नाते नई रक्षा तैनाती कर रहा है। (US Sends Warship UAE)

“एक स्पष्ट संकेत है कि संयुक्त राज्य अमेरिका लंबे समय से रणनीतिक साझेदार के रूप में यूएई के साथ खड़ा है।”

बयान में यह भी कहा गया है कि हमलों ने खाड़ी के तनाव को ऐसे समय में और बढ़ा दिया है, जब ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंतरराष्ट्रीय वार्ता लड़खड़ा रही है और तेल की कीमतें सात साल के उच्चतम स्तर पर हैं।

यमन के सात साल के युद्ध में ताजा दोतरफा हमलों ने एक नया मोर्चा खोल दिया है, जिसमें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सैकड़ों हजारों लोग मारे गए हैं और लाखों विस्थापित हुए हैं। विद्रोहियों ने 17 जनवरी को अबू धाबी के तेल संयंत्रों और हवाईअड्डे को निशाना बनाकर ड्रोन और मिसाइल से हमले किए, जिसमें तीन विदेशी कामगारों की मौत हो गई थी।

24 जनवरी को अबू धाबी के अल धफरा हवाई अड्डे पर तैनात अमेरिकी सेना ने पैट्रियट इंटरसेप्टर फायर किए। शहर के ऊपर दो बैलिस्टिक मिसाइलों को भी मार गिराया गया। सोमवार को इजरायल के राष्ट्रपति इसाक हर्जोग के यूएई दौरे के दौरान तीसरा मिसाइल हमला नाकाम किया गया। (US Sends Warship UAE)

हूतियों ने यमन में जमीन पर लगातार हार के बाद संयुक्त अरब अमीरात पर हमला करना शुरू किया। जनवरी की शुरुआत में विद्रोहियों ने लाल सागर में संयुक्त अरब अमीरात के झंडे वाले एक जहाज को यह कहते हुए जब्त कर लिया कि वह हथियार ले जा रहा है। हालांकि अमीरात ने इस दावे को झूठा करार दिया।

यमन का गृहयुद्ध 2014 में शुरू हुआ जब हूतियों ने सना को नियंत्रण में ले लिया। इसके बाद से सऊदी अरब और अन्य देशों की सेनाएं बेदखल हुई सरकार के समर्थन में यमन को घेरने लगीं। (US Sends Warship UAE)

दुनिया के सबसे बड़े हथियारों के खरीदारों में से एक यूएई यमन युद्ध में प्रभावशाली खिलाड़ी है।

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, जंग ने लाखों लोगों को अकाल की कगार ला छोड़ा है। इस युद्ध को दुनिया का सबसे खराब मानवीय संकट कहा जा है। हालात यह है कि यमन को खुशहाली इंडेक्स में गिना तक नहीं जाता।


यह भी पढ़ें: यमन को नर्क बनाने का जिम्मेदार कौन है?


(आप हमें फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here