पहलवानों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, आगे की सुनवाई से किया मना

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Wrestlers Protest : दिल्ली के जंतर मंतर पर भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगातार 12 दिनों से धरने पर बैठे पहलवानों को गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बड़ा झटका लगा है या अगर दुसरे नजरिये से देखे तो बृजभूषण शरण सिंह को कोर्ट से बड़ी राहत जरुर मिलती हुई दिखी है क्योंकि देश की सबसे बड़ी अदालत ने विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की याचिका को खत्म कर दिया है। इसके साथ ही  सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि, एफआईआर के लिए याचिका दाखिल की गई थी। FIR दर्ज की गई। अब पहलवान अपनी बात को मजिस्ट्रेट या हाईकोर्ट में रख सकते हैं।

बृजभूषण की ओर से हरीश साल्वे ने पेश की दलीलें 

इसके पहले आपको बताते चलें, पहलवानों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने मामले पर सुनवाई की। जहां कोर्ट में दिल्ली पुलिस एफआईआर का स्टेटस बताना था। बृजभूषण की ओर से हरीश साल्वे दलीलें पेश कर रहे थे, जबकि दिल्ली पुलिस की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता दलीलें पेश की। मामले पर हरीश साल्वे ने अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि ये पूरा मामला पॉलिटिकल है। कोई भी आदेश से पहले बृजभूषण का पक्ष सुना जाए। वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा सभी शिकायतकर्ताओं को कोई खतरा नहीं है। हम शिकायत की जांच कर रहे हैं। हर चीज की वीडियोग्राफी कराई जा रही है। पूरे मामले में पहले ही एफआईआर दर्ज हो चुकी है। वहीं पहलवानों के वकील ने कहा कि दिल्ली पुलिस मामले की ठीक से जांच नहीं कर रही है।

याचिका का उद्देश्य पूरा

जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो याचिका दायर की गई थी उसमें एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी और इसे दर्ज करने के साथ ही याचिका का उद्देश्य पूरा हो गया है। वही   सुप्रीम कोर्ट ने  याचिकाकर्ताओं को आगे की राहत पाने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय या संबंधित निचली अदालत में जाने की स्वतंत्रता दी है ।

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