रमजान का महीने शुरू होने का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। मुस्लिम समुदाय पूरी दुनिया में रमजान की तैयारियों में लगा है। ठीक इसी समय कोरोना वायरस की दूसरी लहर की भी चर्चा है, जिससे बचाव के लिए दुनियाभर में टीकाकरण अभियान चल रहे हैं।
प्रमुख इस्लामी देश सऊदी अरब पर सबकी नजर है, जहां खास एहतियाती कदम उठाए गए हैं। इस बीच यह सवाल भी रोजा रखने की तैयारी करने वालों के बीच आ रहा है कि रमजान के दौरान वैक्सीन लगवाने से रोजा टूट तो नहीं जाएगा। इस मामले पर सऊदी अरब के ग्रैंड मुफ्ती के अलावा ग्रैंड मस्जिद व पैगंबर की मस्जिद का रखरखाव करने वाली प्रबंधन समिति के प्रमुख ने जवाब स्पष्ट किया है।
इस्लामी विद्वान विद्वान वैक्सीनेशन मामले को लेकर इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि रमजान के महीने में टीका लगने पर रोजा नहीं टूटेगा। यह अलग बात है कि किसी मामले में साइड इफेक्ट हो या कोई अस्वस्थ हो सकता है।
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ग्रैंड मस्जिद और पैगंबर की मस्जिद प्रबंधन कमेटी के प्रमुख डॉ. शेख अब्दुल रहमान अल सुदैस ने इस्लामी जानकारी के आधार पर पुष्टि की कि कोरोवायरस वायरस का टीका को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है, इससे रोजा नहीं टूटेगा। मस्जिद अल-हरम के ग्रैंड मुफ्ती ने भी टीके से रोजा न टूटने की बात कही।
मुसलमानों को रमजान के महीने के दौरान पहली या दूसरी डोज लेने में कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। इस्लामी विद्वानों के अनुसार, टीके में प्रयुक्त सामग्री पूरी तरह से हलाल है। टीका लगवाने से आपका रोजा नहीं टूटेगा, ग्रैंड मुफ्ती शेख अब्दुल अजीज अल-शेख ने कहा।
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इस सिलसिले में मुस्लिम डॉक्टर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ.हिना शाहिद ने कहा, रमजान और ईद उल फितर कोविड-19 से बचाव के लिए लागू बंदिशों के बीच मनाए जाएंगे। मुसलमानों समेत पूरी दुनिया के लोगों ने इस चुनौती का सामना किया है और आस्था के साथ ही तकनीक के जरिए जंग जारी है।
उन्होंने कहा, अहम त्योहारों के वक्त अगर टीके हमें सुरक्षित बनाने में मदद कर रहे हैं तो हमें परिवार और दोस्तों की हिफाजत के लिए गुरेज नहीं करना चाहिए। समाज और समुदाय के लिए काम कर रहे लोगों को खुद भी आगे आना चाहिए और लोगों को जागरुक किया जाना चाहिए।