शिवाजी पार्क में रामलीला रैली को क्यों बनी प्रतिष्ठा का सवाल, किसे मिली जीत?

द लीडर हिंदी: बॉम्बे हाई कोर्ट ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की इजाजत दे दी है. जबकि एकनाथ शिंदे गुट को बॉम्बे हाई कोर्ट के इस फैसले से बड़ा झटका लगा है.

इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने एकनाथ शिंदे पक्ष की तरफ से जो आपत्ति आई थी, उसे भी खारिज कर दिया है.

हाई कोर्ट ने इस दौरान बीएमसी को भी जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि बीएमसी ने इस पूरे मामले में अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया है. आइए जानते है, शिवाजी पार्क शिवसेना के लिए इतना खास क्यों है. (Shivaji Park Ramleela Rally)

क्यों बनी टकराव की स्थिति

उद्धव ठाकरे ग्रुप की शिवसेना की दशहरा रैली हमेशा से पार्टी की परंपरा रही है. चूंकि अब शिवसेना दो फाड़ हो चुकी है और शिंदे गुट की महाराष्ट्र में सरकार बन चुकी है.

इसलिए इस बार बीएमसी ने कानून व्यवस्था बिगड़ने के नाम पर उद्धव गुट को रैली की इजाजत नहीं दी थी. उधर, शिंदे गुट ने रैली की मांग रख दी थी.

इसे लेकर उद्धव और शिंदे गुट के बीच टकराव की स्थिति बन गई थी और मामला बीएमसी के पाले से बॉम्बे हाई कोर्ट की ओर खिसक गया था. (Shivaji Park Ramleela Rally)

बीएमसी को हाई कोर्ट ने लगाई फटकार

न्यायमूर्ति आर. डी. धनुका और न्यायमूर्ति कमल खाटा की खंडपीठ ने एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से दादर विधायक सदा सरवनकर की याचिका को खारिज कर दिया.

जिसमें शिंदे गुट को असली शिवसेना बताते हुए रैली की अनुमति मांगी थी. बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाई है और उद्धव ठाकरे गुट को 5 अक्तूबर को दशहरा रैली करने की इजाज़त दे दी.

फ़ैसले में कहा कि उद्धव गुट 2 से लेकर 6 अक्तूबर तक BMC के नियमों के तहत रैली कर सकता है. (Shivaji Park Ramleela Rally)

शिवाजी पार्क इतनी महत्वपूर्ण क्यों?

मुंबई के बीचों बीच बसा शिवाजी पार्क इतना महत्वपूर्ण क्यों? ये सवाल उठना लाजमी है तो इसके बारे में भी जान लेते हैं.

दरसल, सालों से शिवाजी पार्क सियासत से लेकर धार्मिक कार्यक्रमों का केंद्र बना है. जहां बड़ी संख्या में लोग जुटते रहे हैं.

दशहरे पर यहां शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते थे. 2010 में इसी पार्क से बाल ठाकरे ने अपने पोते आदित्य ठाकरे के राजनीति में उतरने का ऐलान किया था.

2012 में बाल ठाकरे के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार शिवाजी पार्क में किया गया. बाद में उद्धव ठाकरे भी रैली की इसी परंपरा को निभाते रहे. (Shivaji Park Ramleela Rally)

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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