हॉवर्ड इंडिया कांफ्रेंस में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने क्यों कहा कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं

द लीडर : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हॉवर्ड इंडिया कांफ्रेंस में आदिवासियों को हिंदू मानने से इनकार किया है. सोरेन ने कहा कि आदिवासी न कभी हिंदू थे, न हैं. हमारी यानी आदिवासियों की पूजा पद्धति, रस्मों-रिवाज सब अलग हैं. उन्होंने कहा कि आदिवासी और दलितों को लेकर आज भी लोगों की सोच में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है.

आइआइटी और आइआइएम जैसे संस्थानों में आदिवासियों के प्रतिनिधत्व से जुड़े एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दलित, आदिवासियों को सदियों से दबाकर रखा गया है. उन्हें आगे बढ़ने से रोका गया. शक्लें जरूर बदलीं, मगर इस समाज के प्रति लोगों के नजरियों में कोई बदलाव नहीं महसूस करता हूं. मैं आदिवासी समाज का प्रतिनिधत्व करता हूं. और मुख्यमंत्री हूं. मैं नहीं जानता कल का दिन हमारा अच्छा रहेगा.

क्योंकि दलित-आदिवासी समाज को आज भी ये ताने दिए जाते हैं कि तुम इस काम के काबिल नहीं हो. उन्हें बुरी नजर से देखा जाता है. ये सबसे बड़ी चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि ट्राइबल समुदाय को आजादी से लेकर अब तक कोई मान्यता नहीं मिली है. अभी जनगणना शुरू होने वाली है. उसमें आदिवासी का कॉलम ही नहीं है. आदिवासी खुद को क्या लिखेगा. ये सवाल बना है.


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आदिवासियों को लेकर कहा कि हमारी विरासत अलग है. हमें जंगल-पेड़ों में भगवान नजर आता है. जबिक दूसरे लोगों में इसमें दौलत दिखाई पड़ती है. हाशिये पर खड़े आदिवासी और दलित समुदाय ताकतवर लोगों से नहीं लड़ सकते हैं.

एक अन्य सवाल पर उन्होंने पर कहा कि अगर दलित और आदिवासी समुदाय तरक्की करेगा. तो अमीरों के घर में नौकरी कौन करेगा. उनकी गाड़ियां कौन चलाएगा. मकान बनाने वाले कहां से आएंगे. घर की सफाई कौन करेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राज्य में एक ट्राइबल यूनविर्सटी खोलने की योजना पर काम कर रहे हैं. आदिवासी समाज के दस बच्चों के शैक्षिक विकास के लिए फॉरेन स्कॉलरशिप योजना प्रारंभ की है. युवाओं के लिए भी कई योजनाएं बनाई हैं. नई खेल योजनाएं ला रहे हैं.


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यूएपीए पर पूछे गए सवाल पर सोरेन ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार ने अपने राजनीतिक लक्ष्य को साधने के लिए कानून को अपनी जेब में रखा है. हमारे यहां के सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी को जेल में बंद कर रखा है. जिस शख्स की याददाश्त तक नहीं हैं. बोल नहीं पाते. उन्हें जेल में बंद कर दिया. जेएनयू में क्या तबाही मचा दी.

Ateeq Khan

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