कौन है यासीन मलिक ? सरकार ने लगाया इसकी पार्टी पर 5 साल का प्रतिबंध-पढ़ें

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द लीडर हिंदी : देश की मोदी सरकार ने बड़ा लिया है. आज कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के संगठन पर प्रतिबंध पांच साल का प्रतिबंध लगाया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में शामिल है.नरेंद्र मोदी सरकार ने शनिवार को घोषणा की कि ‘जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट’ पांच साल की अवधि के लिए एक ‘गैरकानूनी संगठन’ होगा. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में शामिल है.

मोदी सरकार ने जेल में बंद आतंकवादी यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट, जम्मू कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग के चार धड़ों पर प्रतिबंध लगा दिया है जानकारी के लिए बता दें कि गृह मंत्रालय ने साल 2019 में आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत मलिक के संगठन पर प्रतिबंध लगाया था

अमित शाह ने शनिवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर कोई देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देता है तो उसे कठोर कानूनी परिणामों का सामना करना होगा. इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जे-के पीपुल्स लीग के चार गुटों, जेकेपीएल, जेकेपीएल, जेकेपीएल और याकूब शेख के नेतृत्व वाले जेकेपीएल पर भी बैन लगाया है.

उन्होंने आगे कहा कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने वाले किसी भी व्यक्ति को कठोर कानूनी परिणाम भुगतने होंगे. गृह मंत्रालय (MHA) ने 2019 में आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) के तहत मलिक के संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस कदम से कुछ दिन पहले, सरकार ने यूएपीए की धारा 3(1) के तहत जमात-ए-इस्लामी (JEI-J&K) पर प्रतिबंध लगा दिया था.

जानिए कौन है यासीन मलिक?
बता दें जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख को 24 मई, 2022 को एक ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसने उन्हें कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस साल की शुरुआत में दिल्ली उच्च न्यायालय में एक अपील दायर कर सजा को आजीवन कारावास से बढ़ाकर मृत्युदंड करने की मांग की थी, जो अपराध के लिए अधिकतम सजा है.

बता दें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने वाले किसी भी व्यक्ति को कठोर कानूनी परिणाम भुगतने होंगे. उनका यह बयान कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के संगठन पर प्रतिबंध बढ़ाने के बाद आया है

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